दैनिक भास्कर
Jun 07, 2020, 08:04 AM IST
नई दिल्ली. कोरोना संदिग्ध मरीज को तीन दिन तक प्राइवेट समेत दिल्ली के पांच सरकारी अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद भी भर्ती नहीं किया गया। मरीज के परिजनों ने फिर आरोग्य सेतु पर संपर्क किया। इसके बाद मरीज को लाल बहादुर अस्पताल में भर्ती तो कर लिया, लेकिन वहां पर भी उन्हें इलाज नहीं दिया जा रहा है। परिजनों का कहना है कि तीन घंटे से तक मरीज को कोई भी डॉक्टर देखने नहीं आया। मरीज के बेटे रमनजीत ने बताया कि वह परिवार के साथ कोंडली इलाके में रहते है।
चार दिन पहले उनकी मां शांति देवी (56) को बुखार और सांस लेने में परेशानी हुई थी। वे माता जी को लेकर प्राईवेट अस्पताल मैक्स लेकर गए, जहां कोरोना संदिग्ध की वजह से भर्ती लेने से मना कर दिया। फिर गुरु तेग बहादुर अस्पताल गए। वहां पर केवल कोविड के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, यह कहकर वापिस भेज दिया। इसके बाद लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल गए, वहां पर भी भर्ती लेने के लिए मना कर दिया।
डेढ महीने से चक्कर काट रहे कैंसर मरीज को नहीं कर रहे भर्ती
द्वारका के मोहन गार्डन निवासी राम नरसिंह पांडे (53)को डेढ़ महीने पर पेट में दर्द होने की शिकायत हुई थी। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन कोई आराम नहीं होने पर दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले गए। जहां पर उन्होंने 15 दिन तक भर्ती रखा। जांच में उन्हें एनल कैंसर का पता चला। मरीज की बेटी श्वेता ने बताया कि डीडीयू में डॉक्टरों ने कहा कि यहां कैंसर का इलाज नहीं है, इस कारण उन्होंने जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। वहां पर मरीज को कहा कि हमारे पास इतनी फैसिलिटी नहीं है और जीटीबी ले जाओ। जीटीबी अस्पताल गए तो वहां पर डॉक्टरों ने कहा कि यहां कैंसर डिपार्टमेंट को सील कर दिया गया है। अब यहां केवल कोविड के मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। वहां पर रेडिएशन मशीन खराब होने की बात कहकर भर्ती लेने से मना कर दिया।