- टाइगर सूरत के व्यस्त बाजार और रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके के मामले में आरोपी है
- भारत अब भी टाइगर के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों से अनुरोध कर सकता है
दैनिक भास्कर
May 17, 2020, 10:36 PM IST
लंदन. ब्रिटेन ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के साथी टाइगर हनीफ को भारत को सौंपने से इनकार कर दिया है। हनीफ गुजरात में बम धमाके के दो मामलों में आरोपी है। गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, टाइगर का प्रत्यर्पण हो सकता था। लेकिन, ब्रिटेन में पाकिस्तान मूल के नेता साजिद जावेद ने इसमें रोढ़े अटका दिए। भारत इस मामले में फिर प्रत्यर्पण की अपील दायर कर सकता है। लेकिन, हनीफ को फायदा यह होगा कि वो तब तक जमानत की अर्जी दायर कर सकता है।
बहरहाल, हनीफ को भले ही कुछ वक्त की राहत मिल गई हो लेकिन, दाऊद के एक और साथी जबीर मोतीवाला अब भी जेल में है। उस पर ड्रग फाइनेंसिंग समेत कई आरोप हैं।
2010 में हुई थी टाइगर की गिरफ्तारी
59 साल के हनीफ को ब्रिटेन में ही 2010 में गिरफ्तार किया गया था। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जानकारी पर वहां की पुलिस ने यह कार्रवाई की थी। भारतीय अधिकारियों ने उसका प्रत्यर्पण वारंट भी हासिल किया था। टाइगर ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी। अप्रैल 2013 में ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद उसके मामले को ब्रिटेन के गृह सचिव के पास भेज दिया गया था। हालांकि, कई साल तक यह मामला चलने के बाद ब्रिटेन के गृह सचिव (2018-19) साजिद जावेद ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया।
किन मामलों में आरोपी है टाइगर हनीफ
टाइगर हनीफ को हनीफ मोम्मद उमेरजी पटेल के नाम से भी जाना जाता है। वह गुजरात में 1993 में हुए बम धमाके के आरोपी इकबाल मिर्ची से भी जुड़ा है। उसने सूरत के एक व्यस्त बाजार में हुए बम धमाके की योजना बनाई थी। इसमें एक आठ साल की बच्ची की मौत हुई थी। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने का बदला लेने के लिए सूरत रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाकों में भी आरोपी है। इसमें दस से ज्यादा लोग घायल हुए थे।