- तालिबान के राजनीतिक दल इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कश्मीर में आतंक फैलाने के दावे का खंडन किया
- पहले तालिबानी प्रवक्ता का बयान वायरल हुआ था, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर का विवाद हल होने तक भारत से दोस्ती करना संभव नहीं
दैनिक भास्कर
May 19, 2020, 09:16 PM IST
नई दिल्ली. कश्मीर मामले पर तालिबान ने किसी भी तरह का दखल देने से इनकार कर दिया है। सोमवार को तालिबान के राजनीतिक दल इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इसे लेकर ट्वीट किया। शाहीन ने सोशल मीडिया में वायरल उन दावों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि तालिबान कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में शामिल है। शाहीन ने कहा कि तालिबान अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।
सुहैल ने ट्वीट किया, ‘भारत में प्रकाशित कई रिपोर्ट में कहा गया है कि हम उनके मामलों में दखल दे रहे हैं। यह बयान गलत है। इस्लामिक अमीरात की नीति स्पष्ट है कि यह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।’
هغه اعلامیه چې د هند په هکله په ځینو مطبوعاتو کې خپره شوې، اسلامي امارت پوره اړه نلري. د اسلامي امارت پالیسي واضح ده چې د نورو هیوادونو په کورنیو چاروکې مداخله نه کوي.
— Suhail Shaheen (@suhailshaheen1) May 18, 2020
तालिबान के प्रवक्ता का वायरल बयान
इसके पहले, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद का एक बयान सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। जिसमें उसने कहा था कि कश्मीर विवाद का हल होने तक भारत के साथ दोस्ती करना संभव नहीं है। प्रवक्ता ने यह भी दावा किया था कि काबुल में सत्ता पर कब्जा करने के बाद कश्मीर पर भी कब्जा होगा। इस बयान के बाद तालिबान की ओर से इसका खंडन किया गया है।
भारत ने बयान की पुष्टि की थी
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल और दिल्ली के राजनयिकों ने बताया कि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के बयान की पुष्टि की गई थी। मालूम चला था कि सोशल मीडिया पोस्ट तालिबान का स्टैंड नहीं है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि तालिबान केवल एक संस्थान नहीं है। इसमें अलग-अलग विचारों के लोग शामिल हैं। कुछ के पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो एक स्वतंत्र विचारधारा से हैं।