- विश्व रक्तदान दिवस ब्लड ग्रुप का पता लगाने वाले वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर के सम्मान में मनाया जाता है
- ब्लड डोनेट करके हम दूसरों की जान बचाते हैं जबकि सच ये भी है कि इस बहाने डोनर की सेहत भी सुधरती है।
दैनिक भास्कर
Jun 14, 2020, 11:53 AM IST
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस घोषित किया है। यह कई तरह के ब्लड ग्रुप का पता लगाने वाले वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर के सम्मान में मनाया जाता है। अक्सर लोगों लगता है कि ब्लड डोनेट करके हम दूसरों की जान बचाते हैं जबकि सच ये भी है कि इस बहाने डोनर की सेहत भी सुधरती है। हमारे मन के ब्लड डोनेशन से जुड़े कई भ्रम आते हैं जैसे ब्लड डोनेशन के बाद मैं कोई काम नहीं कर सकता, दवा ले रहा हूं इसलिए रक्तदान नहीं कर सकता है। डॉ. लीना हूडा, ब्लड ट्रांसफ्यूजन स्पेशलिस्ट व मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर बता रहीं है ब्लड डोनेशन से जुड़े भ्रम-तथ्यों और रक्तदान करते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए…
ब्लड डोनेट कर रहे हैं तो ये बातें ध्यान रखें
- डोनर की उम्र 18-65 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वजन 48 किलो से कम नहीं होना चाहिए। रक्तदान से पहले भोजन जरूर कर लें।
- प्रेग्नेंसी और माहवारी के दौरान महिलाएं ब्लड डोनेट करने से बचें। इसके अलावा बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं तो रक्तदान न करें।
- अगर रक्तदान के दौरान उल्टी लगने, सर्दी लगने, खांसी आने, सिरदर्द, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर को बताएं।
- रक्तदान के बाद जहां से ब्लड निकाला गया है वहां से ब्लीडिंग बंद न हो तो कोहनी को मोड़कर रखें और तब तक रखें जब तक ब्लड निकलना बंद न हो जाए।
- रक्तदान के बाद अगर प्रभावित हिस्से पर सूजन आती है या नीला पड़ जाता है और ठंडा सेंक करें।
- रक्तदान से पहले नींद पूरी लें। अगर रातभर ट्रेवल किया है तो अगले दिन रक्तदान न करें।