- कोच भरत अरूण ने कहा- गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल की आदत को छोड़ना मुश्किल
- अनिल कुंबले की अगुआई वाली क्रिकेट समिति ने गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक की सिफारिश की
- पैट कमिंस के अलावा कई पूर्व खिलाड़ी गेंद चमकाने के लिए आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल के पक्ष में
दैनिक भास्कर
May 28, 2020, 11:44 PM IST
टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरूण का मानना है कि गेंद को चमकाने के लिए लार या थूक का इस्तेमाल करने की आदत छोड़ना आसान नहीं है। लेकिन अगर सभी देश आर्टिफिशियल पदार्थ का इस्तेमाल करें, तो हमें भी इससे परहेज नहीं।
उन्होंने कहा- लार का इस्तेमाल करने की आदत को छोड़ना काफी मुश्किल होगा। लेकिन ट्रेनिंग सेशन के दौरान हमें इस आदत को छोड़ने की कोशिश करनी होगी।
कोरोना महामारी को देखते हुए अनिल कुंबले की अगुआई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के तहत लार के इस्तेमाल को प्रतिबंध करने का प्रस्ताव रखा है। दुनिया भर के गेंदबाज और कोच बल्ले और गेंद में संतुलन बनाए रखने के लिए गेंद को चमकाने के लिए बाहरी पदार्थ के इस्तेमाल की वकालत कर रहे हैं।
गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हमेशा के लिए नहीं: कुंबले
आईसीसी क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने कहा था कि गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश हमेशा के लिए नहीं है। यह अस्थायी है। आने वाले दिनों में कोरोनावायरस महामारी पर नियंत्रण पा लिया जाएगा तब सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा यह सही है कि लार का इस्तेमाल नहीं करने से बॉल ज्यादा स्विंग नहीं करेगी। लेकिन खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को लेकर कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है।
‘वैकल्पिक पदार्थ पर भी चर्चा हुई थी’
कुंबले ने लार की जगह मोम का इस्तेमाल किए जाने को लेकर कहा, ‘‘आईसीसी में वैकल्पिक पदार्थ को लेकर चर्चा हुई थी। अगर हम इतिहास को देखें तो पता चलेगा कि हमने हमेशा से ही खेल में बाहरी चीजों की दखलअंदाजी को खत्म करने का काम किया है।’’
उन्होंने 2018 के बॉल टैम्परिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि बॉल से छेड़छाड़ करने पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर प्रतिबंध लगाया गया था।
कमिंस भी आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल के पक्ष में
आईपीएल के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस लार पर प्रतिबंध लगने के कारण आर्टिफिशियल के इस्तेमाल का पक्ष ले चुके हैं।
कमिंस ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट से बातचीत में कहा था कि पसीना बुरा नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि हमने इससे कुछ अधिक की जरूरत है। यह कुछ भी हो, वैक्स या कुछ और जो मुझे नहीं पता।