- चीन में करीब 10 करोड़ बच्चे स्कूलों में लौट आए हैं, यहां के शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह कुल छात्रों के 40% हैं
- एक दर्जन से ज्यादा देशों में स्कूल शुरू हुए, इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, द. कोरिया भी शामिल
दैनिक भास्कर
May 20, 2020, 10:18 PM IST
बर्लिन/बीजिंग. दुनियाभर के कई देश लॉकडाउन हटाने या नियम आसान करने जा रहे हैं। शुरुआत स्कूलों से हुई है। सबसे पहले चीन ने प्राइमरी स्कूल शुरू किए थे। अब तक एक दर्जन से ज्यादा देशों ने स्कूलों के दरवाजे खोल दिए हैं। इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, द. कोरिया, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, स्विटजरलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे और ग्रीस शामिल हैं। चीन में तो करीब 10 करोड़ बच्चे स्कूलों में लौट आए हैं। देश के शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह कुल छात्रों के 40% हैं। सभी देशों में बच्चों को कोरोना से सुरक्षा देने के लिए एहितायत बरतने के साथ नए तरीके भी अपनाए जा रहे हैं।

नीदरलैंड्स, ताइवान में पार्टिशन से सोशल डिस्टेंसिंग : ताइवान और नीदरलैंड्स के स्कूलों में प्लास्टिक स्क्रीन से पार्टिशन किया गया है। लंच के दौरान भी दूर बैठाया जाता है। या प्लास्टिक शीट से दूरी रखी जाती है। खेल के मैदानों में भी बच्चों में दूरी रखने के लिए पेंट से जगह तय कर दी गई है।
अमेरिका में रोजाना स्क्रीनिंग, जर्मनी में 2 बार टेस्ट : अमेरिका के मोंटाना में खुले विलो क्रीक स्कूल में एंट्री के समय बच्चों और स्टाफ का तापमान जांचते हैं। बीजिंग और शंघाई के स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य है। जर्मनी के न्यूस्ट्रेलिट्ज में हफ्ते में दो बार टेस्ट होता है। वुहान में बच्चों को स्वाब के नमूने देना पड़ते हैं। हाथ सेनेटाइज करना जरूरी है। इंडोनेशिया के स्कूलों में भी स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है।

ऑस्ट्रेलिया में हफ्ते में एक दिन स्कूल : ऑस्ट्रेलिया में हफ्ते में एक ही दिन स्कूल आने का नियम रखा गया है, बाकी दिन घर पर ही पढ़ाई करनी होगी।


फिनलैंड में अभिवादन के नए तरीके सिखा रहे : फिनलैंड में बच्चों को हाथ मिलाने और गले मिलने की मनाही है। अभिवादन के नए तरीके सिखाए जा रहे हैं। जैसे एयर हग (गले मिलने का अभिनय) एल्बो बम्प या फिर सिर्फ हैलो कहने की सलाह दी जा रही है।
