तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा रहे रेवंत रेड्डी अब राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी के महासचिव ने रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगाते हुए कहा कि वह 7 दिसंबर, गुरुवार को शपथ लेंगे.
तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेशाक्ष्यक्ष रेवंत रेड्डी ने ही राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी. सत्ताधारी बीआरएस (पहले टीआरएस) और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के ख़िलाफ़ उन्होंने आक्रामक रुख़ अपनाए रखा था.
चुनावों में कांग्रेस को जीत हासिल होने के बाद से ही मुख्यमंत्री के संभावित उम्मीदवारों में वह सबसे आगे चल रहे थे.
तेलंगाना में कांग्रेस का चेहरा
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे थे तो उनके समर्थन में ‘सीएम-सीएम’ कहकर नारे लगाए गए थे.
रेवंत रेड्डी ही वो शख़्स हैं जो तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का चेहरा बने रहे.
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नज़र आते थे तो उनके साथ रेवंत रेड्डी ज़रूर दिखते थे.
कौन हैं रेवंत रेड्डी
अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर ज़िले में साल 1969 में पैदा हुए अनुमुला रेवंत रेड्डी ने राजनीति की शुरुआत अपने छात्र जीवन से ही कर दी थी.
उस्मानिया विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन करने वाले रेड्डी उस समय एबीवीपी से जुड़े हुए थे. बाद में वो चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए.
टीडीपी के उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने साल 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था.
साल 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए. साल 2017 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि कांग्रेस में जाना उनके लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वो टीआरएस उम्मीदवार से हार गए.
केसीआर ने चुनाव से एक साल पहले विधानसभा भंग करके पहले ही चुनाव करवा दिया था.
विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से टिकट दिया जिसमें उन्होंने सिर्फ़ 10,919 वोटों से जीत दर्ज की.