भूपेंद्र के घर से तीन घर छोड़कर रहने वाली विद्या गौतम ने बताया कि, मैं भी रीवा की हूं इस नाते परिवार से एक अलग स्नेह था। रितु अक्सर मिलती रहती थी, आते-जाते देखती तो मुस्कुराती बातचीत करती, लेकिन कभी उसने ऐसा कुछ भी नहीं बताया कि जिससे लगे की वह और भूपेंद्र काफी परेशान हैं।
बुधवार रात आठ बजे जब वह उनके घर के बाहर से निकली तो रितु ने मुझसे राधे-राधे तक की थी, तब तक तक घर में सब ठीक लग रहा था। जब गुरुवार सुबह उठी और घर से बाहर आई तो देखा घर से एक के बाद एक कर के शव निकल रहे थे, उनके शवों को देखकर मेरे पैरो तले जमीन ही खिसक गई, भरोसा नहीं हुआ जिसे रात को हंसते हुए देखा वह इतनी परेशान थी।एक दूसरे से करते थे बहुत प्यार, साथ जाते थे मंदिर
कालोनी की रहने वाली प्रियंका ने बताया कि भूपेंद्र और रितु एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। जब भी कोई तीज-त्यौहार आता था तो दोनों साथ ही पूजा करने मंदिर जाया करते थे। पिछले दिनों भूपेंद्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, तब वह घर से बाहर नहीं निकलते थे। कुछ दिन पहले ही तबियत ठीक हुई थी। वहीं रितु बहुत ही अच्छी थी और बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाती थी। हम से कभी-कभी बात होती थी लेकिन हमेशा हंसमुख चेहरा ही नजर आता था।
ऋषिराज को कृष्णा बुलाते थे सब
कालोनी के रहने वाले कव्यांश यादव ने बताया कि ऋषिराज को हम लोग कृष्णा कहकर बुलाते थे। वह पढ़ाई में अच्छा था और हम बच्चों के साथ साइकिल चलाने के साथ अन्य खेल भी खेलता था।उसका छोटा भाई ऋतुराज कभी-कभी खेलने आ जाया करता था।