न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: Kuldeep Singh Updated Wed, 23 Jun 2021 04:32 AM IST
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सूबे में कुल 27 महानगरपालिका है जिसमें से मुंबई और ठाणे सहित 15 महानगरपालिका के चुनाव अगले साल 2022 में होना है। अगर, निकाय चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरती है तो शिवसेना को भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा और वह चुनाव में ढेर हो जाएगी।
कांग्रेस के एकला चलो के नारे से मुश्किल में है शिवसेना
बीएमसी को एशिया की सबसे वैभवशाली महानगरपालिका कहा जाता है जिसका वार्षिक बजट 39000 करोड़ है। जबकि बीएमसी के पास 70 हजार करोड़ से अधिक राशि फिक्स डिपॉजिट है। बीएमसी में सत्ता की बदौलत शिवसेना मुंबई पर राज करती हैं। शिवसेना को डर है कि अगर कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और भाजपा ने रणनीतिक घेरेबंदी की तो शिवसेना की सत्ता डगमगा जाएगी।
अगले साल न केवल मुंबई बल्कि मुंबई महानगर क्षेत्र में ठाणे, उल्हासनगर महानगरपालिका के अलावा नासिक, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, सोलापुर, अकोला, अमरावती और नागपुर महानगरपालिका के चुनाव होने हैं। वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका और नवी मुंबई के अलावा औरंगाबाद एंव कोल्हापुर महानगरपालिका के भी चुनाव विलंबित रखे गए हैं।
अगले साल होने हैं राज्य की 27 में से 15 महानगरपालिका के चुनाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल राज्य में होने वाले 15 महानगरपालिका के चुनाव एक तरह से मिनी विधानसभा चुनाव हैं। हालांकि एनसीपी ने शिवसेना से मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है लेकिन अगर पश्चिम महाराष्ट्र को छोड़ दें तो एनसीपी का जनाधार उतना व्यापक नहीं है।
मुंबई में भी शरद पवार की पार्टी एनसीपी मुश्किल से दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाती है। इसलिए शिवसेना को डर है कि महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस ने यदि मुंबई में अकेले चुनाव लड़ा तो भाजपा के सामने वह नहीं टिक पाएगी।
शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत कहते हैं कि बीएमसी का चुनाव अगले साल होगा लेकिन अभी गठबंधन के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते। वहीं, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप कहते हैं कि उन्होंने अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद ही घोषणा की थी कि कांग्रेस बीएमसी के सभी 227 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। जगताप कहते हैं कि यह कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले भी जब राज्य में साल 1999 से लेकर 2014 तक जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। तब भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती रही है।