मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक सरगर्मी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका भी दायर करने की बात कही है। उन्होंने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा भी रद कर दी। बुधवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। देर शाम दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री ने सालीसिटर जनरल तुषार मेहता समेत कई दिग्गज वकीलों से मुलाकात की। बता दें कि मुख्यमंत्री अधिकारियों के दल के साथ 14 मई से प्रदेश में निवेश आकर्षित करने अमेरिका, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड दौरे पर जाने वाले थे। उन्होंने कहा कि इस समय ओबीसी वर्ग का हित हमारी प्राथमिकता है। ओबीसी के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्थानीय निकायों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला है, इसलिए हमने आदेश में संशोधन के लिए याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। कहा कि हम विदेश यात्रा भी रद कर रहे हैं ताकि इस मसले पर अधिक ध्यान दे सकें। ओबीसी आरक्षण खत्म कराने का पाप कांग्रेस ने किया: मुख्यमंत्री ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि ओबीसी को भी उसके अधिकार मिलने चाहिए। अब बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने की स्थिति बनी है, ये पाप कांग्रेस ने किया। इसके बाद मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। नड्डा को उन्होंने प्रदेश के राजनीतिक हालात की जानकारी दी।