कोरोना ने कई परिवारों की खुशियां तबाह कर दी है। धार के रिटायर्ड बैंककर्मी से भी कोरोना ने बेटे को छीन लिया। इसके बाद बहू और पोती की जिंदगी को लेकर उन्हें चिंता सता रही थी। इसके बाद बहू की शादी करवाने का फैसला किया। काफी मशक्कत के बाद बहू शादी के लिए तैयार हुई।
एमपी के धार जिले में एक सास-ससुर ने विधवा बहू की शादी बेटी की तरह करवाई है। ऐसा कर उन्होंने पूरे समाज में एक शानदार मिसाल कायम की है। पति की मौत के बाद बहू शादी के लिए तैयार नहीं थी लेकिन सास-ससुर को उसकी जिंदगी चिंता सता रही थी। बेटे के बरसी के दिन सास-ससुर ने बहू को काफी समझाया। उसके तैयार होने के बाद दोनों ने रिश्ता ढूंढना शुरू किया। इसके बाद नागपुर में रहने वाले एक लड़के के साथ बहू का रिश्ता तय किया। अक्षय तृतीया के दिन नागपुर में बहू की शादी हुई है। सास-ससुर ने बेटी की तरह बहू का कन्यादान किया है।एसबीआई से रिटायर्ड अधिकारी युगप्रकाश तिवारी धार जिले के प्रकाश नगर में रहते हैं। परिवार में सब कुछ सही चल रहा था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। इंजीनियर बेटे प्रियंक तिवारी को कोरोना हो गया। भोपाल में इलाज के दौरान 25 अप्रैल 2021 को बेटे का निधन हो गया। बेटे के निधन से परिवार की खुशियां खत्म हो गई। कुछ दिन तक परिवार को संभलने में लगा।
युगप्रकाश तिवारी अपने घर में पत्नी और बहू के साथ रह रहे थे। बहू रिचा अभी 32 साल की है। उसके सामने पूरी जिंदगी पड़ी है। ऐसे में सास-ससुर को बहू की चिंता सता रही थी। एक पोती भी है, जिसकी उम्र नौ साल है। स्थिति सामान्य होने के बाद सास-ससुर ने विधवा बहू का पुनर्विवाह करवाने का फैसला किया। सास-ससुर के फैसले पर बहू राजी नहीं थी। बेटे के पहली बरसी के दौरान दोनों ने मिलकर बहू को समझाया। इसके बाद वह शादी के लिए तैयार हुई।
बहू के राजी होने के बाद सास-ससुर ने वर की तलाश शुरू कर दी। कुछ ही दिनों बाद नागपुर में रहने वाले इंजीनियर वरुण मिश्रा से रिचा की शादी तय हो गई। इसके बाद परिवार के लोगों ने बहू की शादी की तैयारी शुरू कर दी। अक्षय तृतीया के दिन शादी की तारीख तय हुई। सास-ससुर परिवार के साथ नागपुर पहुंचे। वहां तीन मई को दोनों की शादी करवाई है। रिचा तिवारी की शादी का सारा खर्च सास-ससुर ने ही उठाया है।वहीं, शादी के दौरान हर रस्म को सास-ससुर ने निभाई है। दोनों ने अपनी बेटी की तरह बहू का कन्यादान किया है। मीडिया से बात करते हुए युगप्रकाश तिवारी ने कहा कि यदि बहू को बेटी मानते हैं तो उसके जीवन की हर पल की खुशी के लिए ऐसे कदम उठाने चाहिए। उस परिवार ने उनकी पोती को भी स्वीकार लिया है। दोनों को उन्होंने खुशी पूर्वक विदा किया है।
इसके साथ ही युगप्रकाश तिवारी के बेटे ने नागपुर में एक बंगला खरीदा था। इसे भी उन्होंने बहू और उसके नए पति को गिफ्ट कर दिया। इसके साथ ही दोनों परिवारों में यह सहमति बनी है कि वह रिश्तेदार की तरह एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। बहू रिचा भी धार में अपने सास-ससुर के घर बेटी की तरह आती रहेगी। सास-ससुर ने रिचा को भरोसा दिलाया है कि वह उनसे दूर हो रहे हैं। युगप्रकाश तिवारी ने कहा कि हमने बहू को घर से दूर नहीं किया है बल्कि उसे बेटी की तरह विदा किया है।