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- Baluchi Leaders Announced To Form Government In Exile, Said India Should Also Show Promptness On The Issue Of Balochistan
इस्लामाबादएक घंटा पहले
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान समर्थक इस साल क्वेटा में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए। बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं।- फाइल फोटो
- बलूच नेता मुनिर मेंगल ने कहा- चीन बलूचिस्तान में दबदबा बढ़ाने की कोशिश में, ऐसा हुआ तो एशिया और दक्षिण एशिया के देशों पर इसका असर होगा
- बलूच पिपुल्स कांग्रेस की चेयरपर्सन नायला कादरी का आरोप- पाकिस्तान सेना बलूचिस्तान के लोगों को गायब करवा रही, यह इंसानी अंगों के खरीद-फरोख्त में शामिल
अलग बलूचिस्तान की मांग करने वाले बलूच नेताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दो बलूची नेताओं मुनिर मेंगल और नायला कादरी ने निर्वासन में बलूच सरकार बनाने का ऐलान किया है। दोनों नेताओं ने रविवार को केरल के थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज की ओर से आयोजित एक वेबिनार में यह बात कही। मुनिर मेंगल बलूच वॉयस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और फिलहाल निर्वासन में फ्रांस के पेरिस में रह रहे हैं। वहीं,नायला कादरी बलूच पिपुल्स कांग्रेस की चेयरपर्सन हैं और पाकिस्तान से निर्वासित होने के बाद कनाडा के वैंकूवर में रह रही हैं।
मेंगल ने कहा- चीन इलाके में अपना दबदबा बढ़ाने की चाल चल रहा है। अगर चीन अपनी साजिश में कामयाब होता है तो एशिया और दक्षिण एशिया के देशों पर इसका असर होगा। ऐसे में जरूरी है कि भारत बलूचिस्तान के मुद्दे पर मुस्तैदी दिखाए। मेंगल ने बताया कि पाकिस्तानी की सेना ने उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा। इस दौरान उन्हें काफी बेरहमी से टॉर्चर किया गया।
चीन अफगानिस्तान को काबू करने की फिराक में: नायला कादरी
नायला कादरी ने कहा- चीन अफगानिस्तान को काबू करने की कोशिश कर रहा है। अगर ऐसा हुआ तो यह पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकट होगा। चीन संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बलूचिस्तान के लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के लोगों के लापता होने के लिए जिम्मेदार है। वह इन लोगों के अंगों के खरीद फरोख्त में शामिल है। पाकिस्तानी सेना किसी भी दूसरी आर्मी से लड़ नहीं सकती। अगर इसमें इतनी ताकत होती तो बांग्लादेश से जंग के दौरान इसे हथियार डालने की नौबत नहीं आती।
क्यों पाकिस्तान के खिलाफ हैं बलूच नेता
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है। यहां पर सोना, तांबा के साथ ही कई तरह के मिनरल्स के खदान है। इनसे पाकिस्तान को काफी फायदा होता है। बलूचिस्तान के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार इस क्षेत्र से इतना फायदा लेने के बावजूद यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही। 1948 से ही यहां के लोग पाकिस्तान सरकार के विरोध में है। इनकी मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग किया जाए। बलूचिस्तान के हक में आवाज उठाने वाले कई बलूच नेताओं की पाकिस्तान की सेना हत्या भी कर चुकी है।
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