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ट्विटर ने जॉर्ज को श्रद्धांजलि वाले ट्रम्प के वीडियो को हटाया, कहा- कॉपीराइट की शिकायत पर उठाया कदम

  • प्रदर्शनकारियों पर हमले को लेकर ट्रम्प पर मुकदमा, आरोप- उन्होंने लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया
  • अमेरिकी सिविल राइट्स ग्रुप्स ने ट्रम्प पर बिना किसी उकसावे के आपराधिक हमले का आरोप लगाया

दैनिक भास्कर

Jun 05, 2020, 07:26 PM IST

वॉशिंगटन. ट्विटर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अब ट्विटर ने कॉपीराइट की शिकायत के चलते ट्रम्प के एक वीडियो को पेज से हटा दिया है। इस वीडियो में ट्रम्प ने जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि दी थी। इस वीडियो को ट्रम्प की कैंपेन टीम ने तीन जून को पोस्ट किया था। ट्रम्प और उनके बेटे ने उसको रीट्वीट किया था। ट्विटर ने कहा कि कॉपीराइट की शिकायत मिलने के बाद वीडियो हटाया गया है।

ट्रम्प पर मुकदमा दायर किया

अमेरिका की कई सिविल राइट्स ग्रुप्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर मुकदमा दायर किया है। उनका कहना है कि वे व्हाइट हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं। ‘गार्जियन’ के मुताबिक, मुकदमे में कहा गया है कि ट्रम्प और व्हाइट हाउस के अन्य अफसरों ने प्रदर्शनकारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है।

सीएनएन के मुताबिक, सोमवार को कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने व्हाइट हाउस के पास जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर रबर बुलेट्स, स्मोक कनस्तर से हमले किए थे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि ट्रम्प के पास में स्थित चर्च जाने के लिए रास्ता खाली कराया जा सके। बाद में ट्रम्प को व्हाइट हाउस के पास स्थित सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च के बाहर एक बाइबिल हाथ में लिए हुए देखा भी गया था।

देशभर में हो रहे प्रदर्शन

यह मुकदमा अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ऑफ डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया (एसीएलयू) और तीन अन्य समूहों ने किया है। उन्होंने ट्रम्प पर बिना किसी उकसावे के आपराधिक हमले का आरोप लगाया है। 25 मई को अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।

‘ट्रम्प ने संवैधानिक मूल्यों की नींव को हिला दिया’

एसीएलयू के कानूनी निदेशक स्कॉट मिशेलमैन ने कहा कि राष्ट्रपति का वैचारिक असहमति के कारण प्रदर्शनकारियों पर किए गए आपराधिक हमले ने हमारे देश के संवैधानिक मूल्यों की नींव को हिला दिया है। अटॉर्नी जनरल विलियम बर ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हटाने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अफसरों और संघीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए जरूरी था।

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