Politics over Lord Ganesha: विश्व प्रसिद्ध इंदौर के खजराना गणेश मंदिर पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने गर्भगृह को खोलने और भक्तों के मु्फ्त प्रवेश की मांग की है.
इंदौर. कोरोना की पाबंदिया हटने के बाद अब मध्य प्रदेश के सभी छोटे-बडे़ मंदिरों में श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. लेकिन, इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर अभी भी रोक लगी हुई है. इस मंदिर को लेकर कांग्रेस को बीजेपी सरकार को घेरने का मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस का कहना है कि जब प्रदेश में कोरोना को लेकर सभी प्रतिबंध समाप्त किए जा चुके हैं. महाकाल मंदिर समेत सभी मंदिरों में गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश शुरू कर दिया गया है, तो खजराना गणेश मंदिर में क्यों नहीं किया गया.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला का कहना है कि लाखों लोगों की आस्था के केंद्र खजराना गणेश मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा गया है. गर्भ गृह के सामने बने सभागृह में छोटी मूर्ति रखी हुई हैं, जहां लोग पूजन अभिषेक करते हैं. वहां पर भी प्रवेश के नाम पर पांच सौ रुपये का शुल्क वसूला जा रहा है. ऐसे में आम भक्त भगवान की पूजा-अर्चना नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपने आपको धर्म का ठेकेदार बताने वाली बीजेपी के इंदौर के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को ये दिखाई नहीं दे रहा है कि आस्था के नाम पर पांच सौ रुपए की रशीद काटकर वसूली की जा रही है. मेरी मांग है कि जनमानस की आस्था को देखते हुए मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाए, साथ ही, सभागृह में प्रवेश का शुल्क बंद किया जाए .
इस मामले को लेकर खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पंडित विनीत भट्ट का कहना है कि कोरोना काल की वजह से गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगी थी. लेकिन, अभी तक मंदिर समिति के ओर से कोई गाइडलाइन नहीं आईं हैं. इसलिए गर्भगृह में प्रवेश पर रोक है. जैसे ही मंदिर समिति फैसला लेगी, भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा. सभागृह में प्रवेश शुल्क को लेकर भी मंदिर समिति जो निर्णय लेगी,उसका पालन किया जाएगा.
भक्त भी कर रहे विरोध
उधर, श्रद्धालु भी गर्भगृह में प्रवेश की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि हिंदू धर्म में हर शुभ काम की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा अर्चना से की जाती है. लेकिन भक्तों से भगवान को दूर रखा जा रहा है. जब प्रदेश के मंदिरों में गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है, तब खजराना गणेश मंदिर में रोक का कोई औचित्य नहीं है. आम भक्तों से सभागृह तक जाने के लिए जो राशि वसूली जा रही है उस पर भी रोक लगनी चाहिए.