बिजली चोरी कंपनी के लिए जी का जंजाल बन गई है। हर माह करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। जिसे कम करने के लिए कंपनी हर मोर्चे पर तैयारी कर रही है। अब मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी ने शहर में बिजली चोरों से निपटने के लिए 45 चौकीदार तैनात कर दिए हैं। ये दिन में तो बिजलकर्मियों के साथ चलते ही है, विशेष तौर पर रात में बिजली चोरी पकड़ने का काम कर रहे हैं। ये चौकीदार बिजली कंपनी के अधिकारियों को बिजली चोरी करने की घटनाओं के वीडियो बनाकर भेजते हैं, दूरभाष पर सूचना देते हैं। जिसके बाद मौके पर बिजली कर्मियों की टीम पहुंच रही है और बिजली के अवैध कनेक्शन काट रही है। पूर्व में बिजली कंपनी इन चौकीदारों की मदद बकाया वसूलने में लेती थी। बिजली चोरी के कुछ ही मामलों में इनकी मदद ली जाती थी। अब यदि बिजली कंपनी चोरी रोकने में सफल होती है तो इसका फायदा बिजली कंपनी को तो होगा ही, उपभोक्ताओं को भी वोल्टेज की समस्या नहीं आएगी, फाल्ट की घटनाएं नहीं होंगी, उपकरण खराब होने से बचेंगे।बता दें कि शहर में 4.48 लाख उपभोक्ता है जो पांच बिजली संभाग और 26 जोनों में बंटे हैं। इनके लिए कंपनी द्वारा 15.50 करोड़ यूनिट बिजली हर माह खरीदी जाती है। खरीदी गई बिजली में से हर माह 106 करोड़ रुपये के बिल जारी किए जाते हैं। इसमें से 100 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाती है बाकी के छह करोड़ रुपये समय पर नहीं जमा नहीं किए जा रहे हैं। इसके कारण बकायादारों पर 295 करोड़ से अधिक रुपये बकाया है। बिजली बिल जमा नहीं करने वाले करीब 65 फीसद उपभोक्ताओं की वजह से हर माह बिल चुकाने वाले उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। ऐसे उपभोक्ताओं से ज्यादा मुश्किलें चोरी करने वाले खड़ी करती हैं। चोरी करने के लिए ये तारों व उपकरणों से छेड़छाड़ करते हैं जिसकी वजह से कई बार फाल्ट की समस्या बन जाती है और उपभोक्ताओं के उपकरण तक खराब होते हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि चोरी करने वालों से आम उपभोक्ताओं को बचाने के लिए चौकीदारों की मदद ली जाने लगी है।
शहर में चोरी रोकने यह कर चुकी हैं कंपनी
— ज्यादा बिजली चोरी वाले इलाकों की पहचान कर वहां लगे ट्रांसफार्मरों को चिन्हित किया जा चुका है। इन्हें कुछ समय के लिए बंद कर चोरों में यह संदेश दिया जा चुका है कि चोरी की तो बिजली ही काट दी जाएगी।
— तारों को केबल युक्त किया गया है, आसानी से कनेक्शन नहीं ले सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
— मुखबिर तंत्र मजबूत किया है, चोरी की सूचना देने वाले लोगों को कंपनी प्रोत्साहित करती रही है।
— संबंधित इलाकों में आबादी का आकलन कर वहां खपत होने वाली बिजली के आधार पर वास्तविक खपत का आकलन किया जा रहा है।
— कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को कहा जा रहा है कि अपने—अपने क्षेत्रों में चोरी करने वालों की सूचना कंपनी को दें, ताकि आपके क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या न हो। फाल्ट की नौबत न बनें।