इलाज के लापरवाही का आरोप महंगा पड़ता नजर आ रहा है। अदालत ने मामले को गंभीरता से ले लिया है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई को गति देने के निर्देश दिए गए हैं। इससे शिकायतकर्ता को राहत मिली है। जबकि जिन पर आरोप लगे हैं, वे परेशानी में पड़ गए हैं। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी किरण मलिक की कोर्ट ने इलाज में लापरवाही से महिला की मृत्यु होने के मामले में सिविल अस्पताल रांझी के दो चिकित्सकों डा. विनीता उप्पल और डा. आशीष राज के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए दोनों डाक्टरों को समन जारी कर उन्हें 15 फरवरी को हाज़िर होने के आदेश दिए।
शिवानी बाथरे ने कोर्ट में परिवाद दायर कर बताया कि उसकी मां अनीता बाथरे का सिविल अस्पताल रांझी में टीटी का आपरेशन हुआ था। डा. उप्पल और डा. राज ने आपरेशन किया था। आरोप है कि चिकित्सकों ने गलत नस काटकर आपरेशन कर दिया जिससे अनीता का बहुत खून बह गया। आपरेशन के दौरान ही मरीज की मौत हो गई। परिवादी ने कई जगह शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिवानी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और गलत आपरेशन करने वाले डाक्टरों पर मामला दर्ज करवाने की मांग की।ई कोर्ट ने सक्षम अदालत में परिवाद दायर करने कहा। इसके बाद शिवानी ने जिला अदालत में परिवाद दायर किया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों डाक्टरों के खिलाफ भादंवि की धारा 304-ए के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए। परिवादी की ओर से अधिवक्ता केके अग्निहोत्री ने पक्ष रखा।