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19 घंटे पहले
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WHO ने कोरोना की उत्पत्ति की जांच के लिए कमेटी गठित की है, लेकिन चीन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। -फाइल फोटो
कोरोना पर चीन का एक और झूठ पकड़ाया है। चीन का मीडिया कई दिनों तक एक ऐसे शख्स के हवाले से खबरें प्रकाशित करता रहा, जो असलियत में है ही नहीं। हालांकि, बाद में झूठ बेनकाब होने पर उन्होंने माफी मांग ली।
चीन में वायरल हो रही कई सोशल मीडिया पोस्ट पर दावा किया गया कि WHO ने कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एडवाइजरी ग्रुप बनाया है। इसमें शामिल स्विट्जरलैंड के बायोलॉजिस्ट विल्सन एडवर्ड्स ने जांच के खिलाफ बयान दिया है।
चीनी अखबार में छपी विल्सन की फेसबुक पोस्ट
चीन के प्रमुख अखबारों में छपी फर्जी खबर के मुताबिक, विल्सन ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने कोरोना की उत्पत्ति पर हो रही जांच को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल चीन के खिलाफ किया जा रहा है और इस बात से वे काफी घबराए हुए हैं।
स्विस एंबेसी ने आगे आकर झूठ का पर्दाफाश किया
चीनी मीडिया में ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद स्विस एंबेसी सामने आई और अपने यहां ऐसे किसी भी शख्स के होने से इनकार कर दिया। एंबेसी ने सोशल मीडिया पर कहा कि स्विट्जरलैंड में इस नाम का कोई आदमी नहीं है। हमने बहुत खोजा, लेकिन विल्सन एडवर्ड्स नाम के शख्स के नाम से कोई रजिस्ट्री या आर्टिकल नहीं मिला। यदि आपके पास उनकी डिटेल हो तो शेयर करें। हम उनसे मिलना चाहेंगे। हालांकि, इसकी संभावना नहीं है।
इस नाम का कोई शख्स नहीं
स्विट्जरलैंड ने अपने बयान में कहा कि हम चीन की जनता को इस फेक न्यूज के बारे में बता रहे हैं। इस नाम का कोई बायोलॉजिस्ट हमारे यहां नहीं है। हम लोगों से इस कहानी को हटाने की अपील करते हैं। CGTN, पीपुल्स डेली और चाइना डेली ने इस खबर को प्रकाशित किया था।