डॉ. परवेश मलिक
फिजिशियन, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल
डिग्री- एम.बी.बी.एस, एमडी (जनरल मेडिसिन)
आपने कई लोगों को यह कहते सुना होगा कि वैक्सीन लेने से बेहतर है कि कोरोना से ही संक्रमित हो जाएं, जिससे शरीर में वायरस के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी बन जाए, लेकिन एक हालिया स्टडी बताती है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद जरूरी नहीं कि शरीर में एंटीबॉडीज बन ही जाएं। दरअसल, आगरा में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ऐसे पांच मामले देखने को मिले, जो तीन बार कोरोना से संक्रमित हुए, लेकिन इनमें से तीन लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज ही नहीं बनीं हैं। इस बात का खुलासा एसएन मेडिकल कॉलेज की एक स्टडी से हुआ है। कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि वायरस का लोड शरीर में कम पहुंचने से पर्याप्त एंटीबॉडीज नहीं बन पाती हैं, जिससे लोग दो या तीन बार संक्रमित हो सकते हैं। इसीलिए लोगों को सतर्क रहने और कोरोना से बचने के नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।