May 20, 2024 : 8:10 AM
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स्टाफ ने किया महिला का ऑपरेशन, हुई मौत:कानपुर के बर्रा में दो दुकानों में खोल लिया अस्पताल, मेडिकल स्टाफ करने लगा पथरी का ऑपरेशन, CMO ने कहा- मुझे कुछ पता नहीं

कानपुरएक घंटा पहले

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कानपुर में स्वास्थ्य विभाग की साठगांठ से झोलाछाप असप्ताल चल रहे हैं। लापरवाही से आए दिन मरीजों की मौत हो रही है। - Dainik Bhaskar

कानपुर में स्वास्थ्य विभाग की साठगांठ से झोलाछाप असप्ताल चल रहे हैं। लापरवाही से आए दिन मरीजों की मौत हो रही है।

कानपुर में निजी अस्पताल की लापरवाही से एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। बर्रा क्षेत्र के दिव्य हॉस्पिटल में नौबस्ता की रहने वाली महिला को पथरी के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था। महिला का ऑपरेशन डॉक्टर द्वारा गुरुवार को किया जाना था। लेकिन डॉक्टर के न पहुंचने पर अस्पताल के स्टाफ ने ही महिला का ऑपरेशन शुरू कर दिया।

ऑपरेशन के दौरान महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब स्टाफ से ऑपरेशन नहीं संभला तो सभी कर्मचारी एक-एक करके असप्ताल से भाग गए। जिसके बाद थोड़ी देर में ही महिला की ज्यादा खून बह जाने से मौत हो गई। लापरवाही से महिला की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मामला बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने महिला के परिजनों को शांत कराया।

2 दुकानों में चल रहा था हॉस्पिटल
दिव्य हॉस्पिटल मानकों को ताक पर रखकर दो दुकानों में चलाया जा रहा था। इस बात की सूचना स्वास्थ्य विभाग के पास भी थी, बावजूद इसके विभाग सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा।

ऐसा ही मामला बुधवार देर रात इसी क्षेत्र के बिल्स हॉस्पिटल का भी सामने आया था, जिसमें एक महिला की मौत अस्पताल की लापरवाही के चलते हो गई थी। बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे नर्सिंग होम्स में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती भी मानकों को ताक पर रखकर की गई है।

रोजाना होती हैं फर्जी अस्पतालों में मौतें
मानकों के विपरीत चल रहे ऐसे अस्पताल रोजाना लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन अस्पतालों में मानकों के विपरीत इलाज किया जाता है। झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करते हैं। ये अस्पताल न तो सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाते हैं न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फायर विभाग की एनओसी लेते हैं। शहर में कई ऐसे भी हॉस्पिटल हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन और एनओसी के संचालित हो रहे हैं।

3 दिन पहले भी जच्चा-बच्चा की मौत हुई थी
तीन दिन पहले बर्रा-8 स्थित विजय लक्ष्मी हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी। रविदासपुर कच्ची बस्ती निवासी राजू वाल्मीकि की 28 साल पत्नी सुलेखा व उसके शिशु की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना मिली तो सीएमओ ने जांच के आदेश दिए थे। एसीएमओ की अगुवाई में मेडिकल टीम को जांच करने के लिए अस्पताल भी भेजा गया था लेकिन अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बावजूद इसके कि उस अस्पताल को एक मेडिकल टेक्नीशियन चला रहा था।

स्वास्थ्य विभाग की छत्रछाया में चल रहे झोलाछाप नर्सिंग होम
इन अस्पतालों में झोलाछाप डॉक्टरों से लेकर बिना डिग्री वाली नर्स तक काम करती हैं। बिना डिग्री वाले डॉक्टर यहां भर्ती मरीजों का इलाज करते हैं। ऐसे अस्पताल सिर्फ स्वास्थ्य विभाग को पैसे खिलाकर चलाए जा रहे हैं। जब इस बारे में सीएमओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे सूचना नहीं है। अगर ऐसा हुआ है, तो हम जांच करेंगे और ऐसे अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

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