- Hindi News
- National
- Dosage Of Covaxin And Coveshield Will Be Mixed, Expert Panel Recommends Approval For Trial
नई दिल्ली3 घंटे पहले
भारत में भी मिक्स एंड मैच वैक्सीन को लेकर जल्द ही ट्रायल शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) के एक्सपर्ट पैनल ने कोवैक्सिन और कोवीशील्ड के डोज की मिक्सिंग को लेकर ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश की है।
वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज 300 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन मिक्सिंग का ट्रायल करना चाहता है और जल्द ही ये ट्रायल शुरू होंगे। कॉलेज ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) से मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
अधिकारियों ने भी कहा है कि एक ही व्यक्ति को गलती से कोवैक्सिन और कोवीशील्ड की डोज लगने के मामले भी सामने आए हैं। लेकिन, इनका कोई गंभीर साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है। दूसरे देशों में भी वैक्सीन मिक्सिंग पर अब तक जो स्टडी हुई हैं, उनके नतीजे भी निगेटिव नहीं हैं।
जरूरी सवाल: क्या कोवीशील्ड और कोवैक्सिन मिक्स हो सकती है?
कोवीशील्ड और कोवैक्सीन अलग तरह से डेवलप की गई हैं। कोवीशील्ड कोल्ड वायरस के कमजोर वर्जन से बनाई गई है। इसकी डोज दिए जाने पर यह इम्यून सिस्टम को कोरोना वायरस से लड़ने का तरीका बताती है। दूसरी तरफ कोवैक्सिन वास्तविक कोरोना वायरस से बनाई गई है। भारतीय एक्सपर्ट का कहना है कि दोनों वैक्सीन की मिक्सिंग संभव है। मई में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भी कहा था कि किल्लत के दौरान वैक्सीन मिक्सिंग अच्छा विकल्प हो सकता है।
भारत का वैक्सीन मिक्सिंग पर क्या स्टैंड है?
एम्स के चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि कोरोना के ज्यादा एग्रेसिव डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे वैरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीनों की मिक्सिंग एक ऑप्शन हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये निश्चित तौर पर एक रास्ता हो सकता है, लेकिन इस पर किसी फैसले से पहले हमें और डेटा की जरूरत होगी।
पिछले महीने सरकार ने भी कहा था कि वह वैक्सीन के मिश्रण के विकल्प पर विचार कर रही है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा था कि म्यूटेटेड वैरिएंट से सुरक्षा और वैक्सीन की कवरेज बढ़ाने के लिए हम ये कदम उठा सकते हैं। इस पर टेस्ट के नतीजे कुछ महीनों में आने की उम्मीद है।
क्या ऐसी मिक्सिंग सुरक्षित है?
ऑक्सफोर्ड की Com-COV स्टडी के मुताबिक, वैक्सीन मिक्सिंग पर कुछ मामूली साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे बुखार, सिरदर्द और थकान पर ये काफी हल्के होंगे। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन्हें ये साइड इफेक्ट्स हुए, उनमें से ज्यादातर में ये 48 घंटे में ही खत्म हो गए। ऐसा भी हो सकता है कि कम समय के लिए रहने वाले ये साइड इफेक्ट मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स के लक्षण हों।
हालांकि WHO का कहना है कि वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर किसी इंडिविजुअल को अपने स्तर पर फैसला नहीं लेना चाहिए, बल्कि संबंधित देश की ड्रग अथॉरिटी ही इस बारे में सिफारिश कर सकती है।