May 6, 2024 : 6:02 PM
Breaking News
बिज़नेस

काम की बात:अब बैंक डूबा तो खाते में 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित, जानें 90 दिन में कैसे मिलेंगे आपको ये पैसे?

  • Hindi News
  • Business
  • DICGC Bill 2021; Bank Account Holders Access To Up To Rs 5 Lakh Funds Within 90 Days

नई दिल्लीएक घंटा पहले

कैबिनेट ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहेगी। डिपॉजिटर्स को 90 दिन के भीतर ये रकम मिल जाएगी। अभी ग्राहकों की बैंक में जमा एक लाख रुपए तक की रकम ही सुरक्षित होती है।

हालांकि सरकार 2020 में ही डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का ऐलान कर चुकी थी, लेकिन इसे कैबिनेट की मंजूरी अब मिली है। अभी इसे संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिल को संसद के मानसून सत्र में ही पेश किया जाएगा। लोगों के मन में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी स्कीम को लेकर कई सवाल हैं।

अगर आपका पैसा डूबता है तो कैसे मिलेगा पैसा? कौन-कौन से बैंक शामिल होंगे?आपको कैसे पता चलेगा कि आपका बैंक DICGC के अंतर्गत आता है? इस इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम कौन देगा? इंश्योरेंस को बढ़ाकर 5 लाख क्यों किया गया है? DICGC क्या है?

अगर 5 लाख रुपए से ज्यादा जमा हैं तो क्या होगा?
मान लीजिए किसी जमाकर्ता का बैंक में 10 लाख रुपए डिपॉजिट है। अगर बैंक किन्हीं कारणों से बंद होता है तो जमाकर्ता को 5 लाख रुपए बीमा कवर मिलेगा। यह पहले सिर्फ 1 लाख रुपए था। DICGC जमाकर्ता से इस बीमा पर कोई प्रीमियम सीधे तौर पर नहीं लेता। यह प्रीमियम बैंक ही भरते हैं। डिपॉजिट गारंटी सिर्फ बैंक बंद होने की स्थिति में लागू होती है। अगर किसी जमाकर्ता के 4 लाख रुपए डिपॉजिट हैं तो नए प्रावधान के मुताबिक, उसे ये पूरी राशि बीमा कवर के रूप में वापस मिल सकेगी।

कितने दिन में मिलेगा पैसा?
अगर आपका बैंक किसी वजह से दिवालिया होता है या मोरेटोरियम में चला जाता है तो 90 दिन में आपको अपना जमा पैसा मिल जाएगा। प्रभावित बैंक को 45 दिन में DICGC को खाताधारकों का ब्योरा भेजना होगा। अगले 45 दिनों में वह खाताधारकों को पैसे लौटाएगा।

कैसे मिलता है पैसा?

  • यदि कोई बैंक बंद या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC पहले बैंक से ग्राहकों की सूची और उनकी जमा राशि की जानकारी मांगता है।
  • इसके बाद DICGC इंश्योरेंस की रकम बैंक को देता है।
  • फिर बैंक अपने ग्राहकों की जमा रकम के आधार पर इंश्योरेंस का पैसा उनके अकाउंट में भेज देता है।

कौन-कौन से बैंक इसके तहत शामिल हैं?
सभी कॉमर्शियल, सहकारी, ग्रामीण बैंक और भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों के बचत, चालू और जमा खाते इसके दायरे में आएंगे।

आपको कैसे पता चलेगा कि आपका बैंक DICGC के अंतर्गत आता है?
किसी भी बैंक को रजिस्टर करते समय DICGC उन्हें प्रिंटेड पर्चा देता है, जिसमें डिपॉजिटर्स को मिलने वाले इंश्योरेंस के बारे में जानकारी होती है। अगर किसी डिपॉजिटर को इस बारे में जानकारी चाहिए होती है तो वे बैंक ब्रांच के अधिकारी से इस बारे में पूछताछ सकते हैं।

इस इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम कौन देगा?
इस इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम का भुगतान बैंक करता है। इंश्योरेंस कवर बढ़ने के साथ बैंक ग्राहकों को तो फायदा हुआ है, लेकिन प्रति 100 रुपए पर लगने वाला प्रीमियम10 पैसे से बढ़कर 12 पैसे हो गया है।

इंश्योरेंस को बढ़ाकर 5 लाख क्यों किया गया?
हाल ही में पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी), यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के ग्राहकों को बैंकों में पैसों की कमी के चलते परेशानी को सामना करना पड़ा था। हालांकि ये बैंक न तो बंद हुए, न दिवालिया। लेकिन इन बैंकों पर आए संकट ने ग्राहकों के मन में अपनी जमा राशि को लेकर चिंता बढ़ा दी थी।

गारंटी राशि बढ़ाने पर बैंकों में लोग गारंटी राशि के बराबर पैसा जमा कराने को लेकर परेशान नहीं होंगे, जिससे लोगों का भरोसा भी बैंकिंग सिस्टम पर बढ़ेगा। नतीजतन, सेविंग बढ़ने से बैंक ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।

DICGC क्या है?
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन यानी DICGC, रिजर्व बैंक की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर मुहैया कराती है।

खबरें और भी हैं…

Related posts

टेस्ला की लॉन्चिंग का इंतजार:मस्क बोले- भारत में कारों की इम्पोर्ट ड्यूटी दुनिया के सभी देशों से ज्यादा, इसे कम कराने भारत सरकार को पत्र भी लिखा

News Blast

लोन की ईएमआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई, वित्त मंत्रालय को दिया तीन दिन का समय, 17 को होगी सुनवाई

News Blast

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर युवती ने दिया बच्चे को जन्म, अविवाहित बता बच्चा लेने से किया इनकार

News Blast

टिप्पणी दें