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टेस्ला की लॉन्चिंग का इंतजार:मस्क बोले- भारत में कारों की इम्पोर्ट ड्यूटी दुनिया के सभी देशों से ज्यादा, इसे कम कराने भारत सरकार को पत्र भी लिखा

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला ने भारत सरकार को एक पत्र लिखकर इलेक्ट्रिक कारों की इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने की मांग की है। टेस्ला का कहना है कि इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी से कंपनी की इलेक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी, जिससे बाजार में इनकी मांग बढ़ेगी और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा।

इधर सोशल मीडिया पर यूजर्स भी टेस्ला की कार लॉन्चिंग को लेकर एलन मस्क से पूछने लगे हैं। यूट्यूबर मदन गौरी ने मस्क से कहा डियर मस्क जल्दी से टेस्ला कार को लॉन्च करो। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम ऐसा करना चाहते हैं, लेकिन भारत में इम्पोर्ट ड्यूटी दुनिया में किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे अधिक है!

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला को भारत में इस साल से कारों की बिक्री शुरू करना है। उसने मंत्रालयों और देश के प्रमुख थिंक-टैंक नीति आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि पूरी तरह से असेंबल्ड इलेक्ट्रिक कारों पर फेडरल टैक्स को 40 प्रतिशत तक कम करना उपयुक्त होगा। टेस्ला ने इस पत्र को सार्वजनिक नहीं किया है।

30 लाख से कम कीमत वाली कार पर 60% आयत शुल्क
भारत में आयत होने वाली इलेक्ट्रिक कारें की मौजूदा कीमत 40,000 डॉलर (करीब 30 लाख रुपए) से कम है, उन पर 60 प्रतिशत आयत शुल्क लिया जाता है। वहीं, 40,000 डॉलर से अधिक कीमती कारों पर आयत शुल्क 100 प्रतिशत है। टेस्ला ने कहा कि 40 प्रतिशत आयात शुल्क पर इलेक्ट्रिक कारें अधिक सस्ती हो सकती हैं, लेकिन मांग बढ़ने पर कंपनियों को स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए सीमा अभी भी काफी अधिक है।

टेस्ला मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस की कीमत 30 लाख रुपए
टेस्ला की US वेबसाइट के अनुसार, केवल एक मॉडल यानी मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस की कीमत 40,000 डॉलर (करीब 30 लाख रुपए) से कम है। टेस्ला और नीति आयोग ने टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया। टेस्ला ने जिन मंत्रालयों को लिखा, उनमें परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय शामिल थे, जिन्होंने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।

पिछले साल सिर्फ 5000 इलेक्ट्रिक कार बिकीं
प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारतीय बाजार, वास्तव में अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। औसत उपभोक्ता के लिए वाहन बहुत महंगे हैं और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। पिछले साल भारत में बिकने वाली 24 लाख कारों में से सिर्फ 5,000 इलेक्ट्रिक थीं और अधिकांश की कीमत 28,000 डॉलर से कम थी।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में कहा था कि अगर टेस्ला भारत में स्थानीय तौर पर इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार होती है, तब भारत सरकार कंपनी को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि चीन के मुकाबले भारत में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन सस्ता हो सके।

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