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अमेरिकी डॉक्टरों ने मस्तिष्क विज्ञान क्षेत्र में सफलता हासिल की:18 साल से बोल नहीं पा रहा था शख्स, दिमाग में इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट के बाद कंप्यूटर की मदद से बात करने लगा

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इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट करने के बाद यह व्यक्ति अपनी बात कहने में सक्षम हो गया। - Dainik Bhaskar

इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट करने के बाद यह व्यक्ति अपनी बात कहने में सक्षम हो गया।

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में डॉक्टरों ने मस्तिष्क विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। डॉक्टरों ने एक व्यक्ति के ब्रेन स्पीच एरिया में इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट किए। यह व्यक्ति 18 साल से लकवा पीड़ित है और बोल नहीं पा रहा था। इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट करने के बाद यह व्यक्ति अपनी बात कहने में सक्षम हो गया।

जुबान से न सही, लेकिन मस्तिष्क से कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजे गए संकेतों से। कंप्यूटर स्क्रीन पर ये संकेत शब्द में बदल गए। ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में इस शोध की कहानी प्रकाशित हुई। इससे उन मरीजों को मदद मिलेगी, जो बोलने की क्षमता खो चुके हैं।

कार हादसे के बाद लकवाग्रस्त हो गया था शख्स
डॉक्टरों के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को के 38 वर्षीय पांचो 20 साल की उम्र में एक कार हादसे के बाद लकवाग्रस्त हो गए थे। डॉक्टरों की टीम ने पांचो के ब्रेन स्पीच एरिया में 128 इलेक्ट्रोड की आयाताकार शीट ट्रांसप्लांट की। इस शीट को मुंह, होंठ, जबड़े और जीभ से जुड़ी स्पीच संबंधी प्रक्रियाओं से संकेतों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया था। इसे कंप्यूटर से जोड़ा गया।

इस काम में 81 हफ्ते और 50 सत्र का समय लगा। इसके बाद पांचो से कहा गया कि वह अपने काम के 50 आम शब्द बोलने की कोशिश करे। इन शब्दों में भूख, संगीत और कंप्यूटर शामिल थे। पांचो ने पहले पूर्ण वाक्य में कहा- ‘मेरा परिवार बाहर है।’ अमेरिका की ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर मेलानी फ्राइड का कहना है कि- ‘हमने जितना सोचा था, यह सफलता उससे कहीं अधिक है।’

इंजीनियर और ग्रेजुएशन के छात्रों ने तैयार किया सिस्टम
इंजीनियर डेविड मोसेस ने कहा-‘हमने ऐसा सिस्टम बनाया जो मस्तिष्क की गतिविधि को ट्रांसलेट करता है। यह सामान्य रूप से सीधे शब्दों में उसके मुखर पथ को नियंत्रित करती है। इसे इंजीनियर्स और ग्रेजुएशन के छात्रों ने बनाया है।

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