न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 15 Jul 2021 07:21 PM IST
सार
डीजीपी ने कहा कि प्रतिबंधित अवधि में यदि कोई कांवड़िया हरिद्वार आने से न माने तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
डीजीपी अशोक कुमार – फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित अवधि में यदि कोई कांवड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे विनम्रता से वापस जाने के लिए कहा जाए। बावजूद इसके न माने तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
बड़ा फैसला: उत्तराखंड सरकार ने लगातार दूसरे साल स्थगित की कांवड़ यात्रा, कोरोना के चलते उठाया कदम
पुलिस मुख्यालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इंटेलीजेंस के अधिकारी, डीआईजी रेंज, हरिद्वार और देहरादून के पुलिस अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने कहा कि कांवड़ मेलेे को प्रतिबंधित किया गया है, जिसके अनुपालन के लिए एक एसओपी संबंधित जिलाधिकारी के साथ मिलकर बना ली जाए। यदि कोई कावंड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे सम्मान पूर्वक सड़क से उतारा जाए और बस व अन्य माध्यमों से वापस भेजा जाए।
डीजीपी ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों में इंफोर्समेंट टीमों का गठन करने के निर्देश दिए। ट्रेनों से आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए ट्रेनों को हरिद्वार से पहले पड़ने वाले स्टेशनों पर रोका जाएगा। यदि वहां कोई दिखाई देता है तो उन्हें शटल ट्रेनों से वापस भेजा जाएगा। इस मामले में लगातार कांवड़ संघ व समितियों के साथ चर्चा की जाए।