आगरा20 घंटे पहले
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अलकायदा की विंग अंसार अलकायदा हिंद (AGH) के दो आतंकियों के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इसी बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकियों की रेलवे स्टेशन में सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश का पता चलते ही रेलवे स्टेशनों पर हाई अलर्ट है।
ऐसे में आगरा रेलवे स्टेशन पर RPF और GRP के जवानों के साथ रैंगो, विक्टर, ब्रावो और सुल्तान मुस्तैद हैं। आप सोच रहे होंगे कि ये चारों स्पेशल कमांडो होंगे, मगर ऐसा नहीं है। ये रेलवे के डॉग स्क्वॉड के सदस्य हैं। RPF के श्वान दस्ते में 4 कुत्ते हैं। इन दिनों आतंकी साजिश के चलते यह चारों सुबह से लेकर रात तक स्टेशन और ट्रेनों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
चारों में रैंगो है सीनियर
रेलवे की सुरक्षा के लिए यूं तो RPF और GRP के जवान तैनात हैं। मगर, इनके अलावा रैंगो, ब्रावो, विक्टर और सुल्तान पर भी सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है। सुबह-शाम ये प्लेटफॉर्म और ट्रैक पर निरीक्षण कर रहे हैं। जब कोई संवेदनशील मामला होता है तो इन चारों को याद किया जाता है। इसमें सबसे सीनियर रैंगो है, जो 6 साल से तैनात है। इसकी रैंक सब इंस्पेक्टर के बराबर है। इसके बाद ब्रावो और विक्टर चार साल से अपनी सेवा दे रहे हैं।
आगरा रेलवे स्टेशन पर RPF और GRP के जवानों के साथ रैंगो, विक्टर, ब्रावो और सुल्तान मुस्तैद हैं।
यह है इनकी खासियत
ये तीन स्निफर डॉग हैं। ये सूंघ कर विस्फोटक का पता लगाने में माहिर होते हैं। जहां पर विस्फोटक रखा होता है, ये उस जगह को तलाश कर उसके पास बैठ जाते हैं। इसलिए ट्रेन व प्लेटफार्म पर विस्फोटक का पता लगाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा RPF के पाए एक ट्रैकर डॉबरमैन डॉग सुल्तान भी है। ट्रैकर डॉग का काम चोरी, हत्या या किसी और घटना में आदमी को उसकी गंध से तलाशने का होता है। गंध सूंघकर ये आदमी को पकड़ लेता है। सुल्तान एक साल की ट्रेनिंग के बाद ही दस्ते में शामिल हुआ है।
तमिलनाडु में होती है 9 माह की ट्रेनिंग, यहां भी रोज होती है प्रैक्टिस
चारों डॉग आरपीएफ के दस्ते में शामिल होने से पहले कड़ी ट्रेनिंग से गुजरे हैं। श्वान दस्ते के हैंडलर ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि जिस तरह से सेना के जवान या पुलिस के जवानों की ट्रेनिंग होती है, उसी तरह श्वान दस्ते के इन सदस्यों की भी ट्रेनिंग होती है। तीनों स्निफर डॉग नौ माह की ट्रेनिंग आरपीएफ के तमिलनाडु के कैंप में हुई है। इनका काम ट्रेन, रेलवे ट्रैक या फिर किसी और जगह पर किसी भी प्रकार का विस्फोटक का पता लगाना होता है। हर दिन सुबह-शाम इनकी ट्रेनिंग होती है।
हर डॉग के लिए दो हैंडलर तैनात हैं। चारों शाकाहारी हैं।
रखा जाता है पूरा ख्याल
चारों डॉग का आरपीएफ द्वारा पूरा ख्याल रखा जाता है। इनके लिए अलग-अलग कमरे हैं। हर डॉग के लिए दो हैंडलर तैनात हैं। चारों शाकाहारी हैं। इनकी डायट का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। हर दिन इनको प्रैक्टिस कराई जाती है। आरपीएफ सीनियर कमांडेंट पीके पंडा ने बताया कि डॉग स्क्वॉयड के जरिए आगरा के सभी स्टेशनों पर और ट्रेनों में चेकिंग कराई जा रही है। यह चारों डॉग अपने काम में माहिर हैं।