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नई दिल्ली2 घंटे पहले
भाजपा से कांग्रेस में आए सिद्धू ने मंगलवार को संकेत दिए हैं कि वो आम आदमी पार्टी में चले जाएंगे। सिद्धू ने जब ट्वीट किया कि AAP ने हमेशा उनके विजन को पहचाना है तो कांग्रेस में खलबली मच गई। ट्वीट के करीब एक घंटे बाद ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार प्रशांत किशोर राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीटिंग में प्रियंका गांधी, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और वरिष्ठ कांग्रेस लीडर केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि PK की ये मुलाकात सिद्धू और कैप्टन के बीच जारी झगड़े को सुलझाने के लिए हुई है। हालांकि, इस बैठक की आधिकारिक डिटेल अभी सामने नहीं आई है।
फिर ‘UP के लड़के’ के पास PK, क्या है गेम प्लान?
- 2017 के विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ इलेक्शन में उतरने का फैसला किया तो प्रशांत किशोर ही पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट थे। उन्होंने ही नारा दिया था- “UP के लड़के’ और “UP को ये साथ पसंद है।’ हालांकि, ये गठबंधन चुनाव नहीं जीत पाया था। सामने आया कि प्रशांत चाहते थे कि इन चुनावों में चेहरा प्रियंका हों और ऐसा नहीं हुआ।
- 2021 में प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल की जीत के लिए योजना बनाई। दावा किया कि भाजपा अगर 100 के आंकड़े के पार गई तो वो चुनावी रणनीति बनाने का काम छोड़ देंगे। भाजपा 100 के भीतर सिमटी और प्रशांत का दावा कायम रहा।
- अब प्रशांत किशोर अमरिंदर के मुख्य सलाहकार हैं और वो भी महज एक रुपए की सैलरी पर। अगले साल पंजाब के चुनाव भी हैं। ऐसे में पंजाब में उनकी मौजूदगी कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की बात है, पर चुनाव से ऐन पहले सिद्धू और अमरिंदर का टकराव मुश्किल खड़ी कर सकता है। ऐसे में इसे तुरंत सुलझाया जाना जरूरी है और इसके लिए प्रशांत किशोर से बेहतर कोई नहीं।
- प्रियंका गांधी भी यूपी चुनावों को लेकर एक्टिव हो चुकी हैं। उन्होंने सोमवार को ही यूपी के कांग्रेस नेताओं से एक अहम बैठक की है। इस बीच राहुल-प्रियंका की मुलाकात से एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं कि यूपी चुनाव में प्रशांत किशोर का रोल बड़ा हो सकता है और यह भी संभव है कि इसे ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस अपना गेम प्लान तैयार कर रही हो।
PK ने कहा था- विपक्षी मोर्चे में कोई रोल नहीं
- जून में देश का सियासी माहौल तब बहुत तेजी से गरमाया, जब प्रशांत किशोर NCP के प्रमुख शरद पवार से 11 और 21 जून को दो बार मुलाकात करने पहुंचे। तब यह कयास लगने शुरू हुए कि पवार के साथ मिलकर ममता बनर्जी कोई बड़ा खेल करने वाली हैं। वो यूपीए के पैरलल कोई बड़ा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं।
- हालांकि, तब खुद प्रशांत किशोर और शरद पवार ने इन अटकलों से किनारा कर लिया था। दोनों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बिना थर्ड फ्रंट का कोई अस्तित्व नहीं है। इसके बाद 22 को राष्ट्रमंच की बैठक हुई। इसकी अगुआई तृणमूल के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने की थी।
- राष्ट्रमंच की बैठक में शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई के डी राजा, राइटर जावेद अख्तर भी शािमल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
- बैठक के बाद तीसरे मोर्चे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने साफ कह दिया था कि ऐसा कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मोदी को टक्कर नहीं दे सकता है। उन्होंने तब कहा था कि 2024 के इलेक्शन में विपक्ष के मोर्चे में उनकी कोई भूमिका नहीं है।