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- Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijayshankar Mehta, Life Management Tips, Motivational Story Of Mahatma Gandhi
10 घंटे पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता
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कहानी – महात्मा गांधी एक पत्र बहुत ध्यान से पढ़ रहे थे। उनके आसपास कई लोग बैठे हुए थे। सभी गांधी जी को देख रहे थे, पत्र अंग्रेजी में था। उसके लिफाफे से ये मालूम हो चुका था कि ये किसी अंग्रेज व्यक्ति ने लिखा है।
एक बार पढ़ने के बाद गांधी जी ने दोबारा पूरा पत्र ध्यान से पढ़ा तो सभी लोग हैरान हो गए। पढ़ने के बाद उस लंबे पत्र में से आलपिन निकाली और पत्र कूड़ेदान में फेंक दिया। इसके बाद गांधी जी लोगों से बात करने लगे।
गांधी जी की आदत थी कि वे एक ही समय में कई काम करते थे। वहां बैठे कुछ लोगों ने गांधी जी से पूछा, ‘आपने पत्र तो डस्टबिन में डाल दिया और आलपिन संभालकर रख ली, आपने ऐसा क्यों किया?’
गांधी जी ने कहा, ‘एक अंग्रेज व्यक्ति कई बार मुझे पत्र लिखता है और पत्र में भद्दी-भद्दी बातें और गंदी-गंदी गालियां तक लिख देता है। मैं पत्र पढ़ता हूं और उसकी बातों में से अगर कोई बात सच है तो उसे समझने का प्रयास करता हूं, क्योंकि हो सकता है कि उसके अपशब्दों में भी कुछ काम की बातें हों। अगर कोई सार्थक बात न हो तो उसे फेंक देता हूं।’
कुछ समय बाद वही अंग्रेज गांधी जी से मिलने आश्रम में आया। अंग्रेज ने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैंने आपको एक लंबा पत्र लिखा था। आपने वह पढ़ा?’
गांधी जी ने कहा, ‘हां, मैंने पढ़ा था।’
अंग्रेज ने कहा, ‘आपने फिर क्या किया?’
गांधी जी बोले, ‘डस्टबिन में फेंक दिया।’
अंग्रेज ने पूछा, ‘क्या आपके लिए पत्र में कुछ काम का नहीं मिला?’
गांधी जी बोले, ‘हां, उसमें आलपिन काम की थी तो मैंने वह निकाल ली थी।’
सीख – गांधी जी ने जो बात अंग्रेज से कही वह हमारे लिए काम की है। जीवन में कई ऐसे व्यक्ति आएंगे, कई ऐसी घटनाएं होंगी, जिनकी व्यर्थ बातें हमें छोड़नी होंगी। अगर उसमें से भी कोई सार्थक बात हो तो आलपिन की तरह संभालकर रख लेनी चाहिए।