लखनऊ22 मिनट पहले
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लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें फ्री बिजली और नौकरी देने का ऐलान किया गया।
यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी बड़ा दांव खेलने के मूड में है। इसकी झलक देखने को भी मिलने लगी है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें फ्री बिजली और नौकरी देने का ऐलान किया गया। इन पोस्टर्स में लिखा है- ‘पूरे किए थे वादे, अब हैं नए इरादे’।
इसके नीचे वादे करते हुए लिखा है- समाजवादी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की मीटिंग में 10 लाख युवाओं को नौकरी व 300 यूनिट फ्री बिजली पूरे उत्तर प्रदेश में देने का फैसला लिया जाएगा। हालांकि, अभी तक अखिलेश यादव की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
समाजवादी पार्टी के पोस्टर पर सियासत शुरू
विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राज्य में मुफ्त बिजली और युवाओं को 10 लाख नौकरी देने वाले इस पोस्टर को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कहा जा रहा है की यूपी में आम आदमी पार्टी और सपा का बीच समझौता हो सकता है। अगर अखिलेश यादव अपने घोषणा पत्र में ऐसा वादा करते है तो इसे आम आदमी पार्टी का इफेक्ट माना जाएगा।
लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर लगी होर्डिंग्स।
आप के सांसद संजय सिंह ने अखिलेश यादव से की थी मुलाकात
कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाक़ात की थी। दरअसल, केजरीवाल की आम जनता पार्टी पंजाब, उत्तराखंड और गोवा जैसे सभी चुनावी राज्यों में मुफ्त बिजली देने की बात कर रही है। ‘आप’ ने कहा है कि अगर इन राज्यों में हमारी सरकार बनती है तो राज्य में फ्री बिजली दी जाएगी। केजरीवाल सरकार दिल्ली चुनाव में इस स्कीम का इस्तेमाल कर चुकी है। अब यूपी चुनाव से पहले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी ‘आप’ की तर्ज पर चुनाव में जीत की कोशिश में जुटी है।
तीन जुलाई को अखिलेश यादव और संजय सिंह की मुलाकात हुई थी।
अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को कूड़ेदान में फेंका
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रविवार को मीडिया से मुखातिब थे, तब किसानों की हालत का जिक्र करते हुए कहा, ‘साल 2017 के विधानसभा चुनाव के भाजपा के संकल्प पत्र में सीएम योगी की तस्वीर नहीं थी। इसलिए उन्होंने उसे कूड़ेदान में फेंक दिया है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा यह बताए कि आखिर उसने अपने वादे को निभाने के लिए कौन सा रोड मैप तैयार किया था।’