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भास्कर एनालिसिस:आबादी बढ़ने की रफ्तार घटी, ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाले राज्यों में भी प्रजनन दर कम

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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: सुनील सिंह बघेल

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पांच राज्यों में ही प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर के बराबर या ज्यादा। - Dainik Bhaskar

पांच राज्यों में ही प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर के बराबर या ज्यादा।

  • सर्वाधिक 3 प्रजनन दर बिहार की, मेघालय की 2.9, जम्मू-कश्मीर की 1.4

इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग तेजी से उठ रही है। हालांकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कई राज्यों की आबादी इस दशक में स्थिर हो जाएगी। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर राज्यों में प्रजनन दर गिरकर प्रतिस्थापन दर (2.1) के बराबर या नीचे आ गई है।

जम्मू-कश्मीर, केरल, प. बंगाल सहित जिन राज्यों में मुस्लिम आबादी 20% से ज्यादा है, वहां भी प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत (1.8) से नीचे है। इसमें यूपी अपवाद है जहां, दर 2.4 है। पाॅपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के ज्वाइंट डायरेक्टर आलोक बाजपेयी के मुताबिक प्रजनन दर का सीधा संबंध धर्म से नहीं बल्कि, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य सुविधा से है।

68% मुस्लिम आबादी वाले जम्मू-कश्मीर में प्रजनन दर 1.4 है। यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ दें तो प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर से कम है। सिर्फ 5 राज्यों में प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर के बराबर या ज्यादा है। प्रतिस्थापन दर वह है, जब आबादी नहीं बढ़ती। यानी जितने लोगों की मृत्यु होती है, लगभग उतने पैदा होते हैं। वर्ष 1971 में यह 5 थी जो अब 2.1 है। वहीं, राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर निजी बिल लाने वाले भाजपा सांसद राकेश सिन्हा सर्वे के आंकड़ों को भ्रामक बताते हैं।

सिन्हा कहते हैं कि क्षेत्रीय आंकड़े भ्रामक हैं। इसे समग्र तौर पर देखना चाहिए। कुछ परिवार एक बच्चा पैदा करते हैं तो कुछ 7-8 तक। ऐसे में संसाधनों का वितरण असमान होता है। सिन्हा ने कहा, बड़ी कंपनियां भी नहीं चाहती कि जनसंख्या नियंत्रण हो क्योंकि उन्हें सस्ता श्रम चाहिए। बिहार और यूपी इसका दुष्परिणाम भोग रहे हैं।

दो बच्चों के नियम से दिक्कत क्या है? वहीं, बाजपेयी आंकड़ों को उत्साहजनक बताते हुए कहते हैं, दो बच्चों की नीति आई तो बेटे की चाह में लिंग सेलेक्शन बढ़ सकता है। चीन और जापान उदाहरण हैं। बुजुर्ग आबादी बढ़ने पर चीन को एक बच्चे की नीति बदलनी पड़ी। प्रतिस्थापन दर ज्यादा नीचे जाना भी अर्थव्यवस्था के लिए घातक है।

सर्वधिक प्रजनन दर बिहार में

देश में सर्वाधिक 3 प्रजनन दर बिहार में है। वहीं, मेघालय में 2.9, यूपी में 2.4, झारखंड में 2.3 और राजस्थान में 2.1 है। यूपी और झारखंड सहित सर्वे के कुछ राज्यों के आंकड़े आने बाकी हैं, लेकिन अनुमानित आंकड़े इन राज्यों की प्रजनन दर में 10 से 15% गिरावट का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। 2015-16 के मुकाबले 2019-20 में देश में प्रजनन दर 18% गिरकर 1.8 पहुंच गई। वर्ष 1992-93 में यह दर 3.5 थी।

यह इस बात का संकेत है कि आबादी स्थिर होने की ओर बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने 2017 में 3.0 से ज्यादा प्रजनन दर वाले 146 जिलों मे विशेष परिवार नियोजन अभियान शुरू किया था, उसका भी असर दिख रहा है। प्रजनन दर या टोटल फर्टिलिटी यह बताता है कि बच्चा पैदा करने में सक्षम 15 से 49 वर्ष की स्त्री कितने बच्चों को जन्म देती है। 1970 में राष्ट्रीय औसत 5 था, जो अब 1.9 से भी कम रह गया है। जाहिर है प्रजनन दर कम होने से, जनसंख्या वृद्धि दर भी कम होती है।

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