- Hindi News
- Tech auto
- Semiconductor Supply Chain Affected Smartphone Production In July, Makers Ask Retailers To Brace For Supply Shortage
नई दिल्ली6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
कोविड-19 महामारी के बाद कई इंडस्ट्रीज के हालात सुधर रहे हैं। कोविड के घटते मामलों के साथ लॉकडाउन खुलने से भी कई सेक्टर को फायदा हुआ है। हालांकि, स्मार्टफोन और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के लिए हालात आसानी से सामान्य नहीं होने वाले। नई रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसंग ने अपने रिटेलर्स को बता दिया है कि जुलाई में स्मार्टफोन की सप्लाई 70% तक कम हो सकती है।
इतना ही नहीं, एपल, शाओमी, वनप्लस, रियलमी जैसी स्मार्टफोन कंपनियों के साथ एचपी, डेल, लेनोवो की सप्लाई भी बुरी तरह प्रभावित होने वाली है। साथ ही, कार कंपनियों की सप्लाई पर भी इसका बुरा असर होगा। इन दोनों इंडस्ट्रीज के हालात तब तक नहीं सुधरेंगे, जब तक सेमीकंडक्टर की डिमांड और सप्लाई एक जैसी नहीं हो जाती।
लैपटॉप, टीवी की सप्लाई पर भी असर होगा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चिप और दूसरे पार्ट्स की कमी तेजी से रही है। जिससे पिछले साल भी इंडस्ट्री के सामने इसी तरह की समस्या आई थी, जिससे भारत में स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी और इंटरनेट से जुड़े होम डिवाइस की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई थी। दूसरी तरफ, कार कंपनियां भी जुलाई में 10 से 15% तक मैन्युफैक्चरिंग में कमी कर सकती हैं। इसका असर साल की बची हुई दोनों तिमाही में दिख सकता है।
रियलमी सप्लाई के लिए तैयार
रियलमी के इंडिया और यूरोप के सीईओ माधव शेठ ने कहा कि कंपनी 80% मांग को पूरा कर सकती है। हम स्टॉक के मुद्दों को हल करने और रुकी हुई मांग को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री सप्लायर और पार्टनर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि आने वाले फेस्टिव सीजन के लिए हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है।
क्रोमा को सप्लाई से नुकसान हुआ
टाटा के इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल चेन क्रोमा के चीफ ऑफ सेलिंग, रितेश घोषाल ने बताया कि स्मार्टफोन, होम अप्लायंसेज, लैपटॉप, टेलीविजन की सप्लाई बहुत खराब है। चिप की कमी के कारण रिटेलर्स की बिक्री में गिरावट भी आ रही है। हालांकि, इनकी कमी के बाद भी बीते साल की तुलना में लैपटॉप में बिक्री में 50% और टैबलेट में 100% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
ताइवन और वियतनाम कोविड संकट से घिरे
सेमीकंडक्टर और चिप का प्रोडक्शन करने वाले देश ताइवान और वियतनाम कोविड के बढ़ते मामलों से जूझ रहे हैं। इसी वजह से दुनियाभर में चिप की कमी लगातार बढ़ती जा रही है। दुनियाभर में आधे से ज्यादा चिप का प्रोडक्शन यहां पर ही होता है।
महिंद्रा बिना चिप वाली कार बना रही
हुंडई छोटे वाहनों के लिए बड़े वाहनों में इस्तेमाल होने वाले चिपसेट का उपयोग कर रही है। जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बिना चिपसेट वाली कारों का प्रोडक्शन किया है। टाटा मोटर्स के प्रमुख निर्माता जगुआर लैंड रोवर ने इसी सप्ताह कहा है कि कंपनी को खतरे में डालते हुए हमें अगली दो तिमाही में केवल 1 लाख मॉडल की प्रोडक्शन की उम्मीद है। कंपनी पिछले 10 सप्ताह से चिप की कमी से जूझ रही है।
मैन्युफैक्चरर्स के लिए ये स्थिति ऐसे समय में बन रही है जब देश के कई राज्यों में लॉकडाउन खुल चुका है। साथ ही, सप्लाई चेन भी बेहतर चल रही है। अभी दो महीने पहले ही सेमीकंडक्टर की कमी के चलते कई कार कंपनियों को अपने प्लांट अस्थाई तौर पर बंद करने पड़े थे।
ऑटोमेकर्स को 8 लाख करोड़ के नुकसान की उम्मीद
सस्कुहन्ना एनालिस्ट क्रिस रोलैंड ने कटिंग पावर मैनेजमेंट और एनालॉग चिप लीड टाइम्स का हवाला देते हुए कहा कि चिप की कमी के चलते कार, गेमिंग कंसोल और रेफ्रिजरेटर जैसे प्रोडक्ट्स की शिपिंग भी रोक दी गई है। वहीं, कई कंपनियों को अपने प्लांट बंद करने पड़े। इसकी वजह से ऑटोमेकर्स को इस साल बिक्री में 110 बिलियन डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होने की उम्मीद है। प्लांट बंद होने के चलते रोजगार कम हो रहे हैं। वहीं, आर्थिक नुकसान होने से भविष्य के लिए खतरा भी बढ़ रहा है।
क्या है सेमीकंडक्टर?
ये आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं। इनका इस्तेमाल कम्प्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, व्हीकल और माइक्रोवेव ओवन तक जैसे कई प्रोडक्ट्स में होता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं।
कोरोनाकाल में गैजेट्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में सेमीकंडक्टर की सप्लाई गैजेट्स कंपनियों को ज्यादा जा रही है। वर्क फ्रॉम होम के लिए डेस्कटॉप और लैपटॉप बिके। तो ऑनलाइन स्टडी के लिए मोबाइल और टैबलेट की मांग रही। फिट रहने के लिए लोगों ने फिटनेस बैंड भी खरीदे। वहीं, गेमिंग डिवाइस के साथ दूसरे गैजेट्स भी जमकर बिके। इन सभी में इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स और सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है।