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दुनिया के सबसे पुराने आभूषण की खोज:जर्मनी में मिला हिरण के खुर से बना 51 हजार साल पुराना गहना; इसे बनाने वाली प्रजाति 40 हजार साल पहले हुई खत्म

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  • World’s Oldest ORNAMENT Is Discovered, It Is Uncovered In Germany. 51 Thousand Years Old Jewel Made From Deer Hoof ; The Species That Made It Ended 40 Thousand Years Ago

बर्लिनएक घंटा पहलेलेखक: विनेश कुमार दीक्षित

जर्मनी में दुनिया का सबसे पुराना आभूषण खोजा गया है। इसे हिरण के खुर (पैरों में मौजूद नाखून) से बनाया गया है। ये 51 हजार साल पुराना है। रिसर्चर्स का दावा है कि इसका इस्तेमाल करीब 40 हजार साल पहले समाप्त हुई प्रजाति ‘निएंडरथल’ करती थी। जर्मनी के हनोवर स्थित स्टेट सर्विस फॉर कल्चरल हेरिटेज की टीम का कहना है- निएंडरथल प्रजाति आज के जमाने के लोगों की तरह सुंदर दिखने का प्रयास करती थी।

पुरातत्वविदों के मुताबिक, ये गहना जर्मनी के हार्ज पहाड़ों की तलहटी में मौजूद यूनिकॉर्न गुफा में मिला है। इसे वहां प्रवेश द्वार के पास एक समतल जगह पर रखा गया था। उस दौर में आभूषण को बनाने में हड्डी का इस्तेमाल होता था। खोज में मिला आभूषण आज के मुकाबले काफी बड़ा है।

90 मिनट में गहने पर बना 90 डिग्री का एंगल
शोधकर्ता डॉक्टर डिर्क लेडर के मुताबिक, गहना बनाने से पहले हड्डी की कठोरता को दूर किया जाता था। इसके लिए गर्म पानी में हड्‌डी उबाली जाती होगी। हड्‌डी नर्म होने पर इसमें डिजाइन उकेरा जाता था। एक औंस (28 ग्राम) वजनी, ढाई इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े गहने में आधे से एक इंच तक लंबी रेखाएं हैं। इन्हें 90 डिग्री के एंगल पर उकेरा गया है। दावा है, इस डिजाइन पैटर्न को बनाने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा होगा। इस पर छह अलग-अलग रेखाओं वाला डिजाइन पैटर्न है जो कि उस जमाने के लोगों की गहनों और उसमें उनकी रचनात्मकता की जानकारी देता है।

28 ग्राम वजनी, ढाई इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े गहने में आधे से एक इंच तक लंबी रेखाएं हैं। इन्हें 90 डिग्री के एंगल पर उकेरा गया है।

28 ग्राम वजनी, ढाई इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े गहने में आधे से एक इंच तक लंबी रेखाएं हैं। इन्हें 90 डिग्री के एंगल पर उकेरा गया है।

3डी माइक्रोस्कोपी और सीटी स्कैन से चला पता
रिसर्चर्स ने गहने की 3डी माइक्रोस्कोपी और सीटी स्कैन कर पता लगाया कि डिजाइन बनाने के लिए निएंडरथल ने नुकीले पत्थरों और तेज धारदार औजारों का इस्तेमाल किया। इस हिसाब से देखे तो निएंडरथल प्रजाति काफी एडवांस थी। एक और बात जो शोध में सामने आती है कि उस समय हिरण काफी बड़े हुआ करते थे, जो आल्पस की उत्तरी इलाकों में मौजूद थे। इस अध्ययन को नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

निएंडरथल प्रजाति और होमो सेपियंस के बीच करीब 50 हजार साल पहले संबंध होने लगे थे।

निएंडरथल प्रजाति और होमो सेपियंस के बीच करीब 50 हजार साल पहले संबंध होने लगे थे।

50 हजार साल पहले एडवांस थी निएंडरथल प्रजाति
शोध में भाग नहीं लेने वाली लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम की डॉ. सिल्विया बेलो के मुताबिक, निएंडरथल प्रजाति और होमो सेपियंस के बीच करीब 50 हजार साल पहले संबंध होने लगे थे। हम दोनों ही प्रजातियों में मौजूद ज्ञान के आदान-प्रदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसी की बदौलत कई बेहतरीन कलाकृतियों का सृजन हुआ। हालांकि इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि हम निएंडरथल की बौद्धिक क्षमता को कम आंक रहे हैं, हो सकता है कि वे हमारे अनुमान से ज्यादा कुशल रहे हों।

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