May 12, 2024 : 10:53 PM
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कोरोना वैरिएंट पर राहत की खबर: WHO ने कहा- भारत में वायरस के डेल्टा वैरिएंट का एक स्ट्रेन ही चिंता का विषय; बाकी दोनों स्ट्रेन से खतरा कम

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जेनेवाएक घंटा पहले

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भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के वैरिएंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने बड़ा बयान दिया है। WHO ने मंगलवार को कहा कि भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वैरिएंट का एक स्ट्रेन ही अब चिंता का विषय है, जबकि बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है। कोरोना के इस वैरिएंट को WHO ने B.1.617 या डेल्टा नाम दिया था। इसी की वजह से भारत में कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक हुई थी।

पिछले महीने ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया थाWHO ने कहा कि इसका बस एक सब लिनिएज ही अब चिंता का विषय है। यानी B.1.617 वैरिएंट के तीन स्ट्रेन में से बस एक स्ट्रेन B.1.617.2 से ही ज्यादा खतरा है, जबकि दूसरे स्ट्रेन के संक्रमण का प्रसार अब कम हो गया है। पिछले महीने ही WHO ने कोरोना के इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ यानी चिंताजनक वैरिएंट बताया था।

31 मई को ही डेल्टा नाम दिया थाइससे पहले WHO ने कोरोना के नए वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC), वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) का नाम ग्रीक अल्फाबेट्स का इस्तेमाल करते हुए रखने की घोषणा की थी। इसके तहत सबसे पहले जो कोरोना वैरिएंट भारत में मिला, उसे डेल्टा कहा जाएगा। जबकि, इससे पहले मिले वर्जन को कप्पा कहा जाएगा।

वायरस को इंडियन वैरिएंट कहने पर सरकार ने जताई थी आपत्तिकोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय बताने पर सरकार ने आपत्ति जताई थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि B.1.617 वैरिएंट को दुनिया के लिए चिंताजनक बताने वाले WHO के बयान को कई मीडिया रिपोर्ट्स में कवर किया गया। इनमें से कुछ रिपोर्ट्स में इस वैरिएंट को भारतीय कहा गया, लेकिन ये रिपोर्ट्स बेबुनियाद हैं। सरकार का दावा था कि WHO ने अपने 32 पेज के डॉक्यूमेंट्स में B.1.617 वैरिएंट के साथ कहीं भी इंडियन नहीं जोड़ा था।

महाराष्ट्र, दिल्ली में संक्रमण बढ़ने की वजह यही स्ट्रेनB.1.617 वैरिएंट, जिसे डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी कहा जाता है, महाराष्ट्र और दिल्ली में बड़े पैमाने पर मिला है। इसकी वजह से यहां आई महामारी की दूसरी लहर ने बुरी तरह प्रभावित किया है। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के कई शहरों में जीनोम सिक्वेसिंग किए गए आधे से ज्यादा सैंपल में B.1.617 वैरिएंट मिला है।

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