न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: दीप्ति मिश्रा Updated Wed, 07 Jul 2021 11:35 AM IST
सार
एक के बाद एक बीमारी की चपेट में आने के चलते घर वालों की उम्मीद की डोर भी कमजोर पड़ने लगी थी। लेकिन 85 दिन बाद मौत को मात देकर घर लौटे मुंबई निवासी 54 वर्षीय भरत पांचाल ने जिंदगी के लिए जारी जंग में हथियार नहीं डाले। पढ़िए भरत के मजबूत हौसले की कहानी…
85 दिनों बाद घर लौटने वाले भरत पांचाल – फोटो : Social Media
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विस्तार
मुंबई के रहने वाले भरत पंचाल को बीमारियों के खिलाफ लंबी और बेहद कठिन लड़ाई जीतने पर पूरे 85 दिन यानी करीब तीन महीने बाद सोमवार को हीरानंदानी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन माह बाद भरत पांचाल को अस्पताल से बाहर निकलकर खुली हवा में सांस लेते देखकर उनके परिवार राहत मिली। कोरोना संक्रमण, ब्लैक फंगस और फिर ऑर्गन फेल होने के चलते परिवार वालों ने उनके बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।
पांचाल की सीटी वैल्यू, जो कोरोना संक्रमण की गंभीरता को निर्धारित करती है, 25 से 21 तक पहुंच गई। बहुत जल्द उनके शरीर के अन्य अंगों में परेशानियां बढ़ती गईं। कोरोना संक्रमण के गंभीर होने के साथ ही किडनी, लिवर, सेप्सिस, फेफड़े काम करना बंद करना, मल्टीऑर्गन फेल्योर और ब्लैक फंगस से भी जूझना पड़ा। वह 70 दिन तक वेंटिलेटर सर्पो पर रहे। उनकी हालत देख परिवार में दहशत का माहौल था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।