इंदौर10 घंटे पहलेलेखक: राजीव कुमार तिवारी
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V का डाेज इंदौर में मंगलवार से लगना शुरू हो गया है। इंदाैर के शैल्बी अस्पताल में इसकी शुरुआत हो गई है। प्रदेश में स्पूतनिक वैक्सीन लगाने वाला यह पहला अस्पताल है। वैक्सीन लगवाने के लिए आपकाे आराेग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद अस्पताल पहुंचकर 1145 रुपए जमा करके वैक्सीन की एक डोज लगवा सकते हैं। वैक्सीन की दूसरी डोज 21 दिन बाद लगवा सकते हैं, उसके लिए भी इतने ही रुपए लगेंगे। स्पूतनिक-V को लगवाने पहुंचे लोगों का कहना था कि वे इसी वैक्सीन का करीब चार महीने से इंतजार कर रहे थे।
शैल्बी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. विवेक जोशी से स्पूतनिक-V को लेकर कुछ सवाल
MP में स्पूतनिक-V कैसे उपलब्ध हो पाई?
हमारा हेड ऑफिस गुजरात के अहमदाबाद में है। गुजरात और महाराष्ट्र में स्पूतनिक-V वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में हमने डॉक्टर रेड्डी से अनुबंध कर वैक्सीन ली है।
पहले दिन स्पूतनिक-V का रिस्पांस?
इसकी शुरुआत सोमवार को 100 डोज के साथ की थी। इसके रिस्पांस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्रायल बेस के लिए 2 बजे सेशन लाइव किया। 4 मिनट में ही 100 डोज के लिए रजिस्ट्रेशन हो गए।
स्पूतनिक-V कोवीशील्ड और कोवैक्सिन से कितना अलग है?
इसका पैटर्न पूरी तरह से अलग है। डबल वेक्टर आधारित एडिनो वायरस (ह्यूमन) फुल लेंथ स्पाइक प्रोटीन तकनीक होती है। इसमें डेड एडिनो वायरस मानव शरीर में जाता है। यह नुकसानदायक नहीं होता है। यह ब्लड में उस जेनेटिक मटेरियल को लेकर जाता है जो कि कोविड वायरस में होता है। यह शरीर में एंटीबॉडीज बनाता है। इसमें एक बदलाव यह भी है कि पहली और दूसरी डोज का वाॅयल अलग है। ऐसे में सेकेंड डोज बूस्टर डोज की तरह काम करता है।
स्पूतनिक-V, कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के वाॅयल में क्या अंतर?
स्पूतनिक-V, में सिंगल व्यक्ति के लिए सिंगल डोज आता है। एक बॉक्स में पांच वाॅयल होते हैं। हमें कहा गया है कि जब पांच लोग आएं, तभी वैक्सीन के बॉक्स को बाहर निकालें। इसका कारण यह है कि गए बार फ्रीजर से निकलने पर इसे भीतर नहीं रखा जा सकता। 5 लोगों की व्यवस्था करना आसान है। ऐसे में वैक्सीन के बर्बाद होने का सवाल ही नहीं रह जाता है। जैसे, दूसरी वैक्सीन में 10 लोगों का आना जरूर है।
स्पूतनिक-V के रेट क्या हैं?
सरकार से तय आंकड़ाें के अनुसार हमने एक डोज की कीमत 1145 रुपए रखी है। हैंडलिंग चार्ज अलग से ले सकते हैं, लेकिन प्रबंधन ने इससे मना किया है।
अभी स्पूतनिक-V के कितने डोज उपलब्ध हैं और इसे कैसे लगवा सकते हैं?
अभी हमारे पास 900 से 1000 डोज उपलब्ध हैं। कोविन ऐप या आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाकर आप इंदौर में ही इसे लगवा सकते हैं।
पहले डोज के बाद दूसरा डोज कब लगवा सकते हैं?
पहला डोज लगने के 21 दिन से लेकर तीन महीने के बीच में लगवा सकते हैं। पहले डोज के सर्टिफिकेट दिखाने के बाद दूसरा डोज लगाया जाएगा। इसमें पहली डोज के बायल और दूसरी डोज के वायल में अंतर है। ऐसे में हमें वायल को बचाकर रखने की जरूर नहीं है।
शैल्बी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. विवेक जोशी।
वैक्सीनेशन से जुड़े कुछ और सवाल
अगर पहले से किसी अन्य कंपनी की वैक्सीन (सिंगल या डबल डोज) लगवा चुके हैं, तो क्या स्पूतनिक-V की डोज भी ली जा सकती है?
नहीं, अभी मान कर चलें कि सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं। कोरोना इंफेक्शन की गंभीरता से बचाती हैं। कोई भी वैक्सीन लगवाने के बाद कम से कम 6 महीने का इंतजार करें। शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा को चेक कराएं। 6 माह के बाद एंटीबॉडी में कमी आने पर डॉक्टरों की सलाह पर बूस्टर डोज के रूप में इसे लगवा सकते हैं।
स्पूतनिक-V की डोज लगने के तुरंत बाद क्या कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते है?
स्पूतनिक-V सुरक्षित वैक्सीन है। साइड इफेक्ट्स के मामले में कोवीशील्ड से कई गुना बेहतर व सुरक्षित है। अगर बुखार आएगा भी तो बहुत सीमित केवल 99℃ तक।
स्पूतनिक-V के बारे में यह कहा जा रहा था कि एक ही डोज काफी है, तो दूसरी क्यों?
स्पूतनिक-V दो डोज की ही वैक्सीन है। रूस में भी इसे दो डोज के अनुसार ही लगाया जाएगा। ‘स्पूतनिक लाइट’ सिंगल डोज वैक्सीन है।
क्या प्रेग्नेंट वीमन स्पूतनिक-V वैक्सीन लगवा सकती है?
रूस की हेल्थ मिनिस्ट्री ने प्रेग्नेंट वीमन को स्पूतनिक-V वैक्सीन लगाने की अनुमति दे चुका हैं, पर अभी आईसीएमआर (ICMR) के दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। अभी इंतजार करना होगा।
वैक्सीन के रेट
वैक्सीन | फर्स्ट डोज | सेकेंड डोज |
कोवीशील्ड | 780 | 780 |
कोवैक्सिन | 1,410 | 1,310 |
स्पूतनिक-V | 1,145 | 1,145 |
पहले दिन 4 मिनट में 100 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया।
क्या कहना है स्पूतनिक-V लगवाने वालों का
- बुटीक ऑनर अंकिता जैन का कहना था कि हमने वैक्सीन लगवाने के पहले काफी रिसर्च किया। हमें पता चला था कि इंदौर में भी यह लगने वाला है। यह कोरोनावायरस से लड़ने में काफी कारगर है। यही कारण रहा कि हमने इसका इंतजार किया। जैसे ही वैक्सीन आई, इसे लगवाने आई हूं।
- श्वेता अजमेरा ने बताया कि मैं साढ़े तीन महीने से इस वैक्सीन का इंतजार कर रही थी। कोवीशील्ड और कोवैक्सिन भी अच्छी हैं, लेकिन स्पूतनिक-V बेस्ट है। यही कारण है कि इसका वेट किया। स्पूतनिक-V लगवाने के बाद मेरा इंतजार खत्म हुआ।
कैसी है स्पूतनिक-V वैक्सीन?
रूस में बनी इस वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल का इंटरिम एनालिसिस 2 फरवरी 2021 को पब्लिश हुआ। उस समय तक कोरोना वायरस के कई वैरिएंट आ चुके थे। बावजूद इसके पहले की वैक्सीन के मुकाबले इसकी एफीकेसी (प्रभाव) 90% से ज्यादा पाई गई, जो अब तक की सर्वाधिक है। इस वैक्सीन को जरूरत पड़ने पर आसानी से ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकता है।
अस्पताल प्रबंधन ने सेल्फी प्वाइंट भी बनवाया है।
कोवीशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V में फर्क
- कोवीशील्ड – सिंगल वेक्टर आधारित एडिनो वायरस (चिंपैंजी) स्पाइक प्रोटीन तकनीक
- कोवैक्सिन – सिंगल वेक्टर आधारित एडिनो वायरस (ह्यूमन) इनएक्टिवेटेड वायरस तकनीक
- स्पूतनिक V – डबल वेक्टर आधारित एडिनो वायरस (ह्यूमन) फुल लेंथ स्पाइक प्रोटीन तकनीक
यही कारण है कि कई विशेषज्ञ स्पूतनिक-V को डेल्टा वैरिएंट के लिए अब तक की सबसे इफेक्टिव वैक्सीन बताते हैं। दावा है, इस वैक्सीन की कोरोना से संक्रमण से बचाने की क्षमता 90% से ज्यादा है, जो सबसे खतरनाक डेल्टा+ वैरिएंट के खिलाफ भी रोकथाम करता है।
वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना से बचे रहने के कितने प्रतिशत चांस
वैक्सीन | फर्स्ट डोज | सेकेंड डोज |
कोवीशील्ड | 30% | 60% |
कोवैक्सिन | — | — |
स्पूतनिक-V | 79.4% | 91.6% |
(यह आंकड़े रिसर्च आधारित हैं और डेल्टा वैरिएंट को ध्यान में रखकर जारी किए गए हैं। साथ ही कोवैक्सिन पर शोध हुआ, मगर एफीकेसी डाटा जारी नहीं हुआ)
जानेंं, स्पूतनिक-V के फायदे
- वैक्सीन के असरदार होने के पीछे उम्दा तकनीक।
- वैक्सीन लगाने में लगभग न के बराबर साइड इफेक्ट्स।
- वैक्सीन लगने के बाद बुखार के आने की संभावना बहुत कम, यदि आया भी तो 99-C से ज्यादा नहीं।
- अधिकतम प्रभाव – थकान लगना व बॉडी पेन के माइल्ड सिंप्टम्स की संभावना।
पहले डोज और दूसरे डोज के बीच का अंतर
- कोवीशील्ड : 84 दिन बाद (पहली डोज लगने के 84 दिन बाद दूसरी डोज, विदेश यात्रा करने वालों के लिए इसे वापस से 28 दिन किया गया है।)
- कोवैक्सिन : 28 दिन बाद (पहली डोज लगने के 28 दिन बाद दूसरी डोज)
- स्पूतनिक- V : 21 दिन बाद (पहली डोज लगने के 21 दिन बाद दूसरी डोज)
अब तक 25 लाख 84 हजार 839 काे लगा टीका
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 20 हजार कोवैक्सिन के डोज स्टॉक में हैं। राज्य सरकार से कोवीशील्ड के डोज मिलने वाले हैं। उसके तहत सिर्फ सेकेंड डोज लगाना है। जिले में अब तक 25 लाख 84 हजार 839 काे वैक्सीन लग चुकी है। इसमें 21 लाख 58 हजार 669 लाेगाें काे पहला डाेज और 4 लाख 26 हजार 170 काे दूसरा डाेज लग चुका है।