इंदौर9 घंटे पहले
काजल पैगवार
अंतिम चौराहा स्थित मेट्रो हॉस्पिटल में डिलेवरी के दौरान महिला की मौत के बाद गुस्साये परिजन व रिश्तेदारों ने जमकर हंगामा किया। परिजन का आरोप है डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती जिसके चलते महिला की मौत हुई है। वे ऑपरेशन के बाद तीन दिनों से डॉक्टरों को तकलीफ बता रहे थे फिर भी डॉक्टरों ने मामले की गंभीरतता को नहीं समझा।
मामला काजल पति प्रियांक पैगवार (25) निवासी जबलपुर का है। वह कुछ दिन पहले हुकुमचंद कॉलोनी में अपने मायके में डिलीवरी के लिए आई थी। उसे 29 जून को मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। पिता जगदीश ताम्रकार व भाई गगन ने बताया कि ऑपरेशन के जरिए हुई डिलीवरी में उसे बेटा हुआ। फिर कुछ समय बाद उसे पेट में तकलीफ होने लगी। परिजन का आरोप है कि हमारे कई बार कहने पर भी डॉ. चंद्रश्री अग्रवाल टालती रही और ध्यान नहीं दिया।
चोइथराम हॉस्पिटल रैफर कर दिया
2 जुलाई को डॉक्टरों ने उसकी हालत क्रिटिकल बताकर चोइथराम हॉस्पिटल रैफर कर दिया। चार दिन तड़पने के बाद मंगलवार को काजल की मौत हो गई। इससे गुस्साये परिजन जब अस्पताल से एम्बुलेंस में शव लेकर निकले तो उन्होंने अंतिम चौराहा स्थित मेट्रो हॉस्पिटल सामने चक्काजाम कर दिया। लोगों ने डॉक्टरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने गेट बंद कर दिया तो परिजन और भड़क गए। इस दौरान वहां जाम लग गया।
दिग्विजयसिंह के सामने बयां किया दर्द
इस दौरान वहां से पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजयसिंह का काफिला गुजरा तो लोगों ने रोका और उन्हें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताई। इस बीच सूचना मिलने के बाद सीएसपी जयंत राठौर पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे तो परिजन ने डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। कई बार समझाइश के बाद भी परिजन वहां से हटने को राजी नहीं थे। सीएसपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि जांच के बाद ठोस कार्रवाई की जाएगी तो परिजन शव लेकर वहां से रवाना हुए। सीएसपी बताया कि जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। इधर, मामले में हॉस्पिटल की डॉ. चंद्रश्री अग्रवाल का पक्ष जानना चाहा लेकिन उनका मोबाइल बंद ही मिला।