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- Came To Bhopal Indore From Bihar To Study In Madrasa; 23 Children Dropped Off At Bairagarh Station, 7 Children Brought By Agartala Express Were Found In Habibganj
5 घंटे पहले
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बैरागढ़ रेलवे स्टेशन पर सोमवार-मंगलवार की रात को बाल कल्याण समिति की टीम ने 23 बच्चों को रेस्क्यू किया।
भोपाल में 30 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इन बच्चों को काम के सिलसिले में भोपाल और इंदौंर में लाया जा रहा था। इसमें से 23 बच्चों को बैरागढ़ (संत हिरदाराम) स्टेशन पर रेस्क्यू कर ट्रेन से उतारा गया। जबकि 7 बच्चों को हबीबगंज स्टेशन पर अगरतला एक्सप्रेस में आरएपीएफ को मिले। इन बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति और पुलिस ने चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से इन बच्चों को अपने कब्जे में लिया।
संस्था की कोर्डिनेटर अर्चना सहाय के मुताबिक इन बच्चों को काम के सिलसिले में बिहार से भोपाल लाया गया था। सभी बच्चे गरीब घर के हैं। दूसरी तरफ रेस्क्यू के बाद बच्चों ने बताया कि वह मदरसे में पढ़ने के लिए भोपाल और इंदौर आए हैं। इन बच्चों की उम्र 14 से 17 साल बताई जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बैरागढ़ स्थित संत हिरदाराम स्टेशन पर सोमवार-मंगलवार की रात को बाल कल्याण समिति की टीम ने 23 बच्चों को रेस्क्यू किया। इन बच्चों के बिहार से इंदौर ले जाने की सूचना पर बाल कल्याण समिति ने यह कार्यवाही की। ऐसी जानकारी थी कि बच्चों को ट्रेन के जरिए इंदौर भेजा रहा है जहां इन्हें वहां से अलग-अलग जगह भेजा सकता है।
सूचना के आधार पर बाल कल्याण समिति के निर्देश पर चाइल्डलाइन, आरपीएफ, जीआरपी और बैरागढ़ थाना स्टॉफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। रेस्क्यू के बाद बच्चों ने बताया कि वह मदरसे में पढ़ने के लिए भोपाल और इंदौर आए हैं। इनमें से कुछ बच्चों का कहना है कि वो गरीब परिवार से है और अपने गांव के लोगों के साथ काम की तलाश में यहां आए है। बच्चों की उम्र 14 से 17 वर्ष बताई जा रही है।
चाइल्ड लाइन ने बच्चों के परिजनों से फोन पर की बात
चाइल्ड लाइन ने रात में ही बच्चों के परिजनों से फोन पर बात की ओर जानकारी सही पाए जाने के बाद बच्चों को रात में स्टेशन के वेटिंग रूम में रखा गया। जहां से सुबह बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जहां से जानकारी की सही पुष्टि होने के बाद 16 बच्चों को छोड़ दिया गया और 7 बच्चे अभी छोला स्थित शेल्टर होम में ठहराए गए है। जहां बच्चों के अभिभावक उन्हें लेने भोपाल पहुंचने वाले हैं।
हबीबगंज स्टेशन में 7 बच्चों मिले
आरपीएफ को फोन पर सूचना मिली थी कि अगरतला एक्सप्रेस से कुछ बच्चे भोपाल आ रहे है जिन्हें काम के सिलसिले में ओबेदुल्लागंज भेजा रहा है। आरपीएफ ने ट्रेन से बच्चों को उतारने के बाद पुलिस ने चाइल्ड लाइन की टीम को इसकी जानकारी दी।
चाइल्ड लाइन की टीम ने मौके पर पहुंचकर प्रारंभिक जांच की। जिसमें पाया गया कि बच्चे बिहार के विभिन्न जिलो से है और इन बच्चों की उम्र 11 से 16 वर्ष है। सभी बच्चों के पास आधार कार्ड और ट्रेन के टिकट भी प्राप्त हुए। बच्चों का कहना है कि उनका परिवार बहुत गरीब है और वो यहां काम करने के लिए आए है। फिलहाल इन बच्चों को चाइल्ड लाइन के ऑफिस में रखा गया है जहां से इन्हें बुधवार को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा।
किसी अपराध के प्रमाण नहीं मिले
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जागृति सिंह ने बातया कि बच्चों के मामले में किसी भी अपराध के प्रमाण नहीं मिले है। जानकारी के आधार बच्चों को रेस्क्यू किया गया, लेकिन काउंसलिंग में ट्रैफिकिंग जैसी कोई संभावना नजर नहीं आई। भोपाल और इंदौर मदरसे से वहां के प्रबंधक बच्चों के सारे डॉक्यूमेंट के साथ पहुंचे थे। जिन बच्चों के दस्तावेज वेरिफाई हुए हैं, उन्हें अभिभावकों को सौंप दिया गया है। बाकी बच्चों के वेरिफिकेशन के बाद उन्हें भी उनके परिवार को सौंपा जाएगा।
कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर आभार जताया
महामारी जैसे समय में भी बाल तस्करी अब तक के उच्चतम स्तर पर है। रात भर चले ऑपरेशन में, my @बीबीएइंडिया सहकर्मियों ने जीआरपी और आरपीएफ की मदद से भोपाल में 23, विजयवाड़ा में 14 और कोलकाता में 13 बच्चों को रेलवे स्टेशनों से बचाया। धन्यवाद प्रिय @PiyushGoyal जी और @रेलवेसेवा