नई दिल्ली7 घंटे पहले
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साइबर सिक्योरिटी कंपनी अवास्ट ने 2021 के पहले क्वार्टर की रिपोर्ट जारी की है। कंपनी के रिसर्चर ने बताया कि उसने 200,000 से ज्यादा टेक सपोर्ट स्कैम अटैक का पता लगाकर उन्हें ब्लॉक किया। टेक सपोर्ट स्कैम में धोखेबाज एक कम्प्यूटर, डिवाइस या सॉफ्टवेयर को ठीक करने के इरादे से यूजर्स पर अटैक कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स एक बार यूजर के सिस्टम तक पहुंचने के बाद उसमें मैलवेयर इन्स्टॉल कर देता है, जिसके बाद वो उसके सिस्टम और डेटा को एक्सिस कर पाते हैं। उसे नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। अवास्ट का मानना है कि देश के अंदर टेक सपोर्ट फ्रॉड बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
कमजोर यूजर को करते हैं टारगेट
अवास्ट के सीनियर मैलवेयर एनालिस्ट एलेक्सेज सावसीन ने कहा, “टेक सपोर्ट फ्रॉड अब आम आम बात है। हैकर्स सबसे कमजोर यूजर्स को टारगेट करते हैं। अपराधी पैसे या व्यक्तिगत जानकारी के माध्यम से पीड़ितों का शोषण करते हैं। याद रहे कि चाहे वह फोन कॉल हो या वेबसाइट, वैध तकनीकी सहायता कभी भी किसी समस्या को ठीक करने के लिए आपसे सक्रिय रूप से संपर्क नहीं करेगी। यदि संदेह है, तो उससे जुड़ना नहीं चाहिए। अपने डिवाइस का एक्सिस नहीं देना चाहिए, या कोई भी पर्सनल डेटा शेयर नहीं करना चाहिए। आपके संवेदनशील डेटा तक पहुंचने वाले अपराधी वित्तीय खातों, स्वास्थ्य रिकॉर्ड या अन्य जरूरी सर्विस तक पहुंचकर उसका फायदा उठा सकता है।”
रिमोट कनेक्शन से पहुंचाते हैं नुकसान
शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी, “एक बार फोन पर, स्कैमर्स कॉल करने वालों को अपने कंप्यूटर से रिमोट कनेक्शन स्थापित करने के लिए मनाने की कोशिश करते हैं और कभी-कभी उपयोगकर्ता के पीसी से निरंतर कनेक्शन बनाए रखने के बारे में जाने बिना दूसरा रिमोट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं।”