May 5, 2024 : 3:21 PM
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अच्छी नींद का गोल्डन रूल:25 मिनट तक नींद न आए तो बिस्तर छोड़कर कोई किताब पढ़ें, सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल खड़े होकर करें; जानिए ये तरीके कैसे काम करते हैं

8 घंटे पहले

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पिछले एक साल में कोरोना के चलते नींद की समस्या से पीड़ित लोगों की संख्या में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा भले ही अमेरिका का है, लेकिन कोरोनाकाल में नींद पर ऐसे ही दुष्प्रभाव दुनियाभर में देखे जा सकते हैं।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक, पिछले साल हुए एक सर्वे में 20% अमेरिकी युवाओं ने महामारी के कारण नींद को लेकर समस्या बताई थी, वहीं मार्च 2021 में किए गए सर्वे में ऐसे लोगों की संख्या 60% पहुंच तक गई है।

नींद क्यों नहीं आती, इसके खतरे क्या हैं और इस समस्या को कैसे दूर करें, न्यूरोलॉजी एंड स्लीप सेंटर नई दिल्ली की स्लीप स्पेशलिस्ट डॉ. मनवीर भाटिया से जानिए….

ये हैं नींद न आने की वजह और खतरे
एक्सपर्ट कहते हैं, लोग सोने के लिए बिस्तर पर देरी से जा रहे हैं और सामान्य दिनों की तुलना में अधिक समय तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं, जिससे उनका सर्केडियन रिदम बिगड़ गया है। अधूरी नींद के कारण कमजोर इम्यूनिटी, क्रोनिक डिजीज जैसे कि डिप्रेशन, टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में 6 घंटे से कम नींद होेने पर डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है। शोध बताते हैं कि महामारी में लोगों का स्लीप शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में बेहतर नींद के लिए कुछ नियमों को अपनाया जा सकता है।

अच्छी नींद के लिए ये 4 बातें ध्यान रखें

1. 25 मिनट तक नींद न आए तो बिस्तर छोड़ दें
बिस्तर पर लेटने के बाद अगर 25 मिनट तक नींद नहीं आती है या फिर रात में नींद टूटने के बाद 25 मिनट तक नींद नहीं आती है तो बिस्तर पर लेटे न रहें। ऐसा करने पर दिमाग को यह लगने लगता है कि बिस्तर पर लेटे रहने के बावजूद जाग सकते हैं। इस चक्र को तोड़ें। हल्की स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। हल्की रोशनी में कोई मैगजीन पढ़ें। डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। जब उनींदापन आने लगे तो सोने जाएं।

2. बेड टाइम में स्क्रीन के लिए 10 मिनट स्टैंड रूल
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, ब्रेकले में न्यूरोसाइंस और साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. मैथ्यू वॉकर के मुताबिक, सोने के समय मोबाइल का इस्तेमाल नींद के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। इस दौरान मोबाइल इस्तेमाल करना ही है तो 10 मिनट स्टैंडिंग रूल अपनाएं। यह नियम कहता है, जब भी आप मोबाइल का उपयोग करें खड़े हो जाएं। इसके बाद जब लेटने या बैठने का मन करे मोबाइल को दूर कर दें। आप पाएंगे कि 10 मिनट बाद ही आपका लेटने का मन करने लगेगा।

3. 15 मिनट सूरज की रोशनी और 30 मिनट एक्सरसाइज… यह नींद के लिए टॉनिक
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट माइकल ब्रूस के मुताबिक, रोजाना कम से कम 15 मिनट सुबह की धूप में बिताएं। जब सूरज की किरणें आंखों पर पड़ती है तो दिमाग को एक सिग्नल भेजती है, जिससे नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन का स्राव बंद हो जाता है। वहीं, लगभग 13 अध्ययनों में पाया गया है अगर रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज की जाए तो गंभीर अनिद्रा से पीड़ित इंसान को भी 13 मिनट तेजी से नींद आती है। साथ ही एक्सरसाइज रुटीन शुरू करने के दौरान वह 20 मिनट ज्यादा सोता है।

4. सोने के पहले चिंताओं को डस्टबिन में डाल दें
यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर और स्लीप मेडिसन एक्सपर्ट डॉ. इलीन एम रोसेना के मुताबिक, सोने के 2 घंटे पहले एक खाली पेज लेकर बैठ जाएं। अब दिमाग में चल रहे सारे विचारों को इस पर लिख लें। खासकर उन्हें जो आपको अगले दिन करने हैं और परेशान कर रहे हैं। जब पूरे विचार लिख जाएं तो कागज को मरोड़कर उसे कूड़ेदान में फेंक दें। यह एक संकेतिक प्रक्रिया है जो विचारों को दूर कर दिमाग को शांत करती है।

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