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MP में छोटे किसान पर बड़ा भार!:राज्य सरकार घटा रही अपना अंशदान, 1 हाॅर्सपावर पंप पर किसान की हिस्सेदारी 19 हजार के बढ़ाकर 38 हजार 795 रुपए करने का प्रस्ताव

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  • Chief Minister Solar Pump Scheme; State Government Reduced Its Contribution, Proposed To Increase The Share Of Farmer From 19 Thousand To 38 Thousand 795 Rupees On 1 Horsepower Pump

मध्य प्रदेश3 घंटे पहले

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  • शिवराज कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को प्रस्ताव पर होगा निर्णय

मध्य प्रदेश के छोटे किसानों पर बड़ा भार पड़ सकता है। दरअसल, सरकार ने मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में अपना अंशदान घटाने की तैयारी की है। योजना के तहत वर्तमान में 1 हाॅर्स पावर के सोलर पंप के लिए किसान को सिर्फ 19 हजार रुपए देना पड़ते थे, लेकिन सरकार की हिस्सेदारी कम होने से किसान को इस पंप के लिए 38 हजार 795 रुपए अंशदान देना होगा। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को शिवराज कैबिनेट में निर्णय होगा।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक बड़े किसानों जो इस योजना के तहत 7.5 से 10 हाॅर्स पावर तक के पंप लेते हैं, उन पर ज्यादा भार नहीं आएगा। इसकी वजह है, सरकार बड़े किसानों को ज्यादा छूट नहीं देती है। वर्तमान में 1 हाॅर्स पावर पंप पर किसान को 16% राशि देना पड़ती है, लेकिन 7.5 से 10 हाॅर्स पावर तक पंप के लिए किसान को 33% से ज्यादा राशि लगाना पड़ती है।

प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान 30-30 % होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार राज्य ऊर्जा विकास निगम को दिया जाने वाला सर्विस चार्ज अलग से देेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में संशोधन का प्रस्ताव रखेगा।

बता दें, प्रदेश में सोलर पंप के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना लागू है। इसमें अब तक 21 हजार 338 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। योजना को लेकर मांग तेजी के साथ बढ़ रही है। इसमें अभी केंद्र सरकार का अंशदान तो 30 % है, पर राज्य सरकार काफी अनुदान देती है।

ऐसे समझिए… कैसे आएगा किसान पर भार
एक हॉर्स पावर के पंप की कुल लागत 1 लाख 14 हजार पांच रुपए आती है। इसमें केंद्र सरकार 31 हजार 592 रुपये का अंशदान अनुदान के तौर पर देती है, जबकि प्रदेश सरकार 63 हजार 413 रुपये का अनुदान देती है। इसमें राज्य ऊर्जा विकास निगम को दिया जाना वाला सर्विस चार्ज और जीएसटी शामिल है। किसानों को मात्र 19 हजार रुपए अंशदान ही देना होता है, जो कुल लागत का 16% होता है। प्रस्तावित नई व्यवस्था में केंद्र सरकार का अनुदान तो उतना ही रहेगा, मगर राज्य का 20 हजार रुपए कम हो जाएगा। यानी राज्य सरकार अब 63 हजार 413 रुपए की जगह 43 हजार 618 रुपये देगी। किसान को 38 हजार 795 रुपए लगाने होंगे।

शहडोल बस डिपो की प्रॉपर्टी 11 करोड़ में बेचने का प्रस्ताव
शासकीय भूमि का सदुपयोग करने के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग अनपुयोगी भूमियों को नीलाम करने की कार्रवाई कर रहा है। बैठक में शहडोल बस डिपो की 19 हजार 140 वर्गमीटर जमीन को नीलामी के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए अधिकतम बोली 11 करोड़ रुपए लगाई गई है। इसके साथ ही कोरोना संकट को मद्देनजर रखते हुए आक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग विभाग द्वारा लागू नए प्रावधान को मंजूरी दी जाएगी।

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