न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 28 Jun 2021 05:27 PM IST
सार
आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में केंद्र सरकार की ओर से 24 फीसदी अंशदान जमा कराने की योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है।
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विस्तार
योजना के तहत, भारत सरकार को एक अक्तूबर, 2020 या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक लगे नए कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करनी थी। अब, योजना का लाभ 31 मार्च, 2022 तक उठाया जा सकता है।
इसका लाभ 15 हजार रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले उन कर्मचारियों जो एक अक्तूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ पंजीकृत किसी भी प्रतिष्ठान में काम नहीं कर रहे थे और जिनके पास एक अक्तूबर 2020 से पहले कोई यूनिवर्सल अकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्य खाता संख्या नहीं थी, को मिलेगा।
दरअसल, आत्म निर्भर भारत योजना का उद्देश्य देश के संगठित क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना और कोरोना महामारी के दौरान रोजगार के नए अवसर पैदा करने को प्रोत्साहित करना है।
यह रहेंगे योजना के नियम
1000 कर्मचारियों तक के रोजगार वाले संस्थानों में, सरकार दो साल के लिए नए कर्मचारियों के कर्मचारियों के हिस्से के 12 फीसदी योगदान और नियोक्ता के हिस्से के 12 फीसदी योगदान यानी ईपीएफ की संपूर्ण 24 फीसदी राशि का भुगतान करेगी।
1000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में, सरकार दो साल के लिए नए कर्मचारियों के संबंध में केवल कर्मचारियों के हिस्से के अंशदान यानी वेतन के 12 फीसदी का भुगतान करेगी। यह अंशदान ईपीएफओ सदस्यों के आधार से जुड़े खाते में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमा किया जाएगा।
बता दें, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोरोना के कारण संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए एक और बड़े पैकेज का एलान किया है। इसमें स्वास्थ्य, टूरिज्म, कारोबारियों के लिए तमाम प्रावधान किए हैं। करीब डेढ़ लाख करोड़ की अतिरिक्त क्रेडिट गारंटी घोषित की गई है।