May 12, 2024 : 9:22 AM
Breaking News
MP UP ,CG

MP में 19 से 20% बढ़ेगी प्राॅपर्टी गाइडलाइन:शहरों की प्राइम लोकेशन पर 25 से 40% तक ज्यादा चुकानी होगी रजिस्ट्री फीस, भोपाल-इंदौर में मेट्रो, नए हाईवे और 5 साल से रेट नहीं बढ़ना बड़ी वजह

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Registry Fees Will Become Costlier By 25 To 40% At Prime Locations Of Cities, Bhopal Indore Metro, New Highways And No Increase In Rates For 5 Years.

भोपाल4 घंटे पहलेलेखक: ईश्वर सिंह परमार

  • कॉपी लिंक

MP में 1 जुलाई से प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री की दरें एवरेज 19 से 20% तक बढ़ाने की तैयारी है। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश की 15 हजार लोकेशन ऐसी हैं, जहां पर गाइड लाइन 25 से 40% तक बढ़ेगी, जबकि 39500 लोकेशन पर ये आंकड़ा 15 से 20% है। भोपाल व इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) 40% तक बढ़ेगी। यानी भोपाल के एम्स, होशंगाबाद रोड, एमपी नगर समेत कई इलाकों में रजिस्ट्री नई दर से होगी। नए हाईवे और 5 साल से रेट नहीं बढ़ना भी बड़ी वजह है। मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में प्रजेंटेशन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलते ही 1 जुलाई से नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी।

कॉमर्शियल टैक्स विभाग के सूत्रों की मानें, तो प्रदेश की कुल 1.17 लाख लोकेशन में गाइड लाइन में वृद्धि होगी। वर्ष 2015-16 में सरकार ने 4% बढ़ोतरी की थी। इसके बाद पहली बार होगा, जब गाइडलाइन बढ़ेगी। वर्ष 2019-20 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने गाइडलाइन 20% तक इस उम्मीद में घटा दी थी कि मंदी की मार झेल रहे रीयल एस्टेट में फिर बूम आएगा। हालांकि, वर्ष 2016-17 से अब तक सरकार स्टाम्प ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी करती रही।

इतनी लोकेशन पर होगी बढ़ोतरी

प्रतिशत लोकेशन
0 से 5 2398
5 से 10 7730
10 से 15 21377
15 से 20 39432
20 से 25 28580
25 से 40 तक 15002

सरकार की इनकम का गणित

सरकार को उम्मीद है कि नई दरों से सलाना 1080 करोड़ रुपए तो अधिक मिलेंगे, लेकिन महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने पर 2% की छूट देने से सरकार को 425 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इस तरह ओवरऑल सरकार की आय में 655 करोड़ रुपए की इनकम होगी।

ये गिनाए गाइडलाइन की दरें बढ़ाने के कारण

  • वर्ष 2016-17 से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई। भोपाल, इंदौर में मेट्रो समेत प्रदेश में कई नए प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
  • कई जिलों में गाइडलाइन दरों में फ्लेट रेट पर ही दरें पुनरीक्षित की गई है।
  • कई स्थानों पर गाइडलाइन की दरें मार्केट दरों से काफी कम है।
  • कलेक्टर गाइडलाइन भू-अर्जन, टैक्स डिपार्टमेंट आदि द्वारा उपयोग में ली जाती है।
  • नए नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे व डिस्ट्रिक रोड के कारण वास्तविक मूल्यों में वृद्धि हुई है।
  • नई कॉलोनियों का विकसित होना।
  • नए नगरीय क्षेत्र घोषित होना।
खबरें और भी हैं…

Related posts

Ujjain News : मां को झूठे केस में फंसाकर नाबालिग से दुष्कर्म, नाबालिग ने डेढ़ वर्ष पूर्व दिया बच्चे को जन्म, मां के जेल से बाहर आने पर पुलिस से शिकायत

News Blast

टॉफी दिलाने के बहाने पांच साल की बच्ची को फुसलाकर ले गया पड़ोसी; बाद में गला दबाकर की हत्या की, खेत में नग्न हालत में मिला शव

News Blast

बजरंग दल ने चीन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी, पुतला फूंक चीनी सामान का किया बहिष्कार

News Blast

टिप्पणी दें