लखनऊ8 घंटे पहले
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उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन का मामला गरमाया हुआ है। इस बीच एक और बड़ी खबर आई है। आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) की जांच में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का एक अफसर पकड़ा गया है, जो अनाथ बच्चों की सूची इस्लामिक दावा सेंटर को मुहैया कराता था। फिर उन बच्चों को प्रलोभन देकर धर्म बदलवाया जाता था।
इस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह अधिकारी खुद भी धर्म बदलकर हिन्दू से मुस्लिम बना है। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का एक अफसर धर्म परिवर्तन के लिए बच्चों की जानकारी इस्लामिक दावा सेंटर को दे रहा था। इसका सुराग लगने पर ATS इस अधिकारी से पूछताछ कर रही है। ATS ने ISI के इशारे पर चल रहे धर्म परिवर्तन रैकेट की कड़ियां जोड़ते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय तक पहुंच गई है।
जो परिवार राजी नहीं हाेते थे, उनको स्वावलंबी बनाने का झांसा देता था उमर
छानबीन में सामने आया कि मंत्रालय में तैनात एक अधिकारी शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की लिस्ट इस्लामिक दावा सेंटर को भेजता था। इसके आधार पर IDC का संचालक मौलाना उमर गौतम इन बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करता था। सेंटर लाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था।
जो परिवार बच्चों के धर्म परिवर्तन के लिए सीधे राजी नही होते थे, उन्हें स्वावलंबी बनाने का झांसा देकर नोएडा डेफ सोसायटी या उसके जैसी किसी संस्था में पहुंचा देते थे। यहां बच्चों का ब्रेनवाॅश करके उन्हें धर्म बदलने के लिए तैयार किया जाता था।
हिन्दू से मुस्लिम बने अधिकारी का खुलासा
- ATS को IDC के धर्म परिवर्तन की सूची में कुछ ऐसे बच्चों के नाम मिले जिनकी मदद के लिए उनके अभिभावकों ने बाल कल्याण मंत्रालय में आवेदन दिए थे।
- छानबीन हुई तो पता चला कि इन बच्चों की जानकारी मंत्रालय में तैनात उस अफसर ने ही IDC को दिए थे जिसके पास आवेदन पहुंचते हैं।
- ATS ने उस अधिकारी से पूछताछ की तो पता चला कि वह खुद मौलाना उमर गौतम की तरह ही हिन्दू से मुस्लिम बना है।
- यह आवेदन का मजमून पढ़कर समझ जाता था कि कौन बच्चा कितना जरूरतमंद है। उसी हिसाब से वह उनकी लिस्ट IDC को देता था।
- यह भी पता चला कि अधिकारी मौलाना उमर का बेहद करीबी है। दोनों कई साल से एक दूसरे से जुड़े थे।
राज्य बाल आयोग हुआ सतर्क, हर अनाथ बच्चे की निगरानी
कोरोना काल मे अनाथ हुए बच्चो को आर्थिक मदद और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी उठाने की घोषणा प्रदेश सरकार ने की है। राज्य बाल आयोग ऐसे बच्चों का पता लगाकर उनकी सूची तैयार कर रहा है। केंद्रीय बाल मंत्रालय के अधिकारी की धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट में संलिप्तता के बाद अब राज्य बाल आयोग सतर्क हो गया है।
आयोग ने इस क्षेत्र में काम कर रही सभी NGO को हटा दिया है। कुछ चुनिंदा और भरोसेमंद अफसरों को बच्चों की सूची तैयार करने और उनकी लगातार निगरानी के लिए लगाया गया है।