मुंबई8 घंटे पहले
प्रदर्शनकारियों ने बेलापुर में नवी मुंबई महानगर पालिका कार्यालय के सामने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया।
नवी मुंबई में गुरुवार को नाम की लड़ाई में हजारों लोग महामारी को भूल गए। दरअसल, नवी मुंबई में बन रहे एयरपोर्ट को लेकर को यहां हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम दिवंगत ‘दिनकर बालू या डीबी पाटिल’ एयरपोर्ट रखने की मांग की।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तोड़ते हुए लोगों ने कई घंटे तक यहां प्रदर्शन किया। कोरोना संक्रमण काल में हजारों लोगों का एक जगह जमा होना आने वाले समय में घातक हो सकता है।
इसलिए हो रहा है बवाल
स्थानीय लोग और बीजेपी चाहती है कि एयरपोर्ट का नाम दिवंगत कार्यकर्ता ‘डी बी पाटिल’ के नाम पर रखा जाए, लेकिन शिवसेना हवाई अड्डे का नाम पार्टी संस्थापक ‘बाल साहब ठाकरे’ के नाम पर रखना चाहती है। इसी बात को लेकर विरोध हो रहा है। आज डीबी पाटिल का स्मृति दिवस है। वे नवी मुंबई के बड़े किसान नेता माने जाते हैं। डी बी पाटिल ने एयरपोर्ट निर्माण से पहले उनकी जमीनों के अधिग्रहण के दौरान लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।
प्रदर्शन में हजारों लोग बिना मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बिना शामिल हुए।
CIDICO भवन घेरना चाहते थे प्रदर्शनकारी
विरोध करने वाले आज एयरपोर्ट के रास्ते पर मार्च करते हुए शहर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) भवन तक जाकर उसका घेराव करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें वहां जाने से रोक दिया। जिसके चलते ये सभी बेलापुर के नवी मुंबई महानगर पालिका कार्यालय के सामने इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे।
हवाई अड्डे के निर्माण को रोकने की चेतावनी भी दी
प्रदर्शनकारियों ने सिडको प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और निगम से हवाई अड्डे का नाम शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाल ठाकरे के नाम पर रखने के प्रस्ताव को रद्द कर इसके बजाय 15 अगस्त से पहले इसका नामकरण डी बी पाटिल के नाम पर करने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे हवाई अड्डे के निर्माण का कार्य रोक देंगे।
प्रदर्शनकारी सिडको भवन जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
भारी संख्या में पुलिस बल की हुई थी तैनाती
भारी संख्या मे प्रदर्शनकारियों के जुटने की आशंका को ध्यान में रखते हुए, नवी मुंबई पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए थे। पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी, 500 अधिकारी एवं रिजर्व पुलिस बल इकाइयों को सिडको कार्यालय तक जाने वाली सड़कों पर तैनात किया गया था।
प्रदर्शन के मद्देनजर पाम बीच रोड समेत विभिन्न मुख्य मार्गों पर वाहनों के आवागमन के लिए मार्ग परिवर्तित कर दिया गया था। प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल बाद में सिडको के प्रबंध निदेशक से मिला और अपनी लिखित मांग उन्हें सौंपी।
पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी, 500 अधिकारी एवं रिजर्व पुलिस बल इकाइयों को सिडको कार्यालय तक जाने वाली सड़कों पर तैनात किया गया था।
प्रदर्शन में यह नेता हुए शामिल
प्रदर्शन में पूर्व सांसद रामशेठ ठाकुर, वामपंथी नेता दशरथ पाटिल,कांग्रेस नेता हुसैन दलवई, नेता संजीव नायक, पूर्व विधायक जगन्नाथ पाटिल और मनसे विधायक राजू पाटिल ने भी हिस्सा लिया।