कानपुरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
राष्ट्रपति की भतीजी अंजलि और उनकी भाभी विद्यावती।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 27 जून को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित अपने जन्मस्थान परौंख गांव आएंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है, जब वे अपने जन्मस्थान आएंगे। राष्ट्रपति के आने से पहले ‘दैनिक भास्कर’ परौंख और झींझक पहुंचा। इस दौरान झींझक के ओम नगर में रहने वाली राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा, उनके घर पर आए अफसरों ने मना किया है कि राष्ट्रपति को घर से कुछ बनाकर दिया नहीं जा सकता है।
इतना कहते-कहते उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, ‘हमाए लल्ला को रसियाउर और हमाए हाथ के पेड़ा बहुत पसंद है। अफसर हमें रोके हैं, लल्ला को घर से कछु बनाए के नहीं खिलाए सकत हैं।’
ये तस्वीर तब की है जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के लिए उनकी भाभी पहुंची थीं।
लल्ला को मां की कमी का एहसास भी नहीं होने दिया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उनकी भाभी विद्यावती प्यार से लल्ला कहती हैं। राष्ट्रपति के बड़े भाई शिव बालक की मौत हो चुकी है। विद्यावती कहती हैं कि गांव के घर में आग लग गई थी। इस दौरान लल्ला की मां घर के अंदर से अपना कीमती सामान निकालने गईं थी। इस दौरान आग इतनी बढ़ गई कि वह बाहर नहीं निकल सकीं और जलने से उनकी मौत हो गई थी। तब राष्ट्रपति महज पांच साल के थे। इसके बाद से उन्होंने ही लल्ला का पालन-पोषण किया और पढ़ा लिखाकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाया। लल्ला को कभी मां की कमीं नहीं होने दी। लल्ला ने भी हमेशा मुझे मां की तरह माना और वीडियो कॉल करके हमेशा हाल-खबर लेते हैं।
झींझक के ओम नगर में राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती का आवास।
लल्ला की सेहत की चिंता सताए है…
विद्यावती ने बताया कि लल्ला के सीने में दर्द की शिकायत थी। दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनकी जांच हुई। यहां उसे उन्हें इलाज के लिए एम्स के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद 30 मार्च 2021 को उनकी सफल बाईपास सर्जरी हुई। उन्होंने इस दौरान कई बार दिल्ली जाने की इच्छा जताई, लेकिन राष्ट्रपति ने सब ठीक होने की बात कहकर रोक दिया। वीडियो कॉल से उन्हें पल-पल का हाल देते रहे। लल्ला को जब तक देख नहीं लेंगे उनकी चिंता सताती रहेगी।