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लोनी बुजुर्ग पिटाई मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट से राणा अयूब को दी राहत, चार हफ्ते की अग्रिम जमानत

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पीटीआई, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 22 Jun 2021 03:57 AM IST

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गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्रकार राणा अयूब को चार हफ्ते के लिए अग्रिम जमानत दे दी है। जस्टिस पीडी नाइक ने अपने आदेश में कहा, राणा अयूब ने अपने लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है। उन्हें चार हफ्ते की अस्थायी अग्रिम जमानत दी जाती है, ताकि वह जहां एफआईआर दर्ज है, वहां के कोर्ट में अपना मामला प्रस्तुत कर सकें।

अगर इस दौरान वह गिरफ्तार की जाती हैं तो वह 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा की जाएंगी। बताया जा रहा है कि जिस वीडियो को लेकर केस दर्ज हुआ है उसमें बुजुर्ग ने दावा किया था कि उसकी पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था।

हालांकि, पुलिस ने इस मामले में सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया है। गाजियाबाद पुलिस ने मामले में ट्वीट को लेकर ट्विटर, कांग्रेस नेताओं, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और इन सभी पर फर्जी वीडियो ट्वीट करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया था।

9 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारीगौरतलब है कि पुलिस ने गाजियाबाद में हाल ही में एक मुस्लिम शख्स की पिटाई के मामले में कथित ‘सांप्रदायिक अशांति फैलाने’ के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुजुर्ग की पिटाई के एक वीडियो वायरल होने पर ट्विटर, समाचार पोर्टल और 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

वीडियो में बुजुर्ग मुस्लिम  कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद बता रहा था। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में बताया था कि आरोपी उस ‘ताबीज’ से नाराज थे, जो अब्दुल शमद सैफी (पीड़ित) ने उन्हें बेचा था। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने कुल 9 आरोपियों को पकड़ा है।

विस्तार

गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्रकार राणा अयूब को चार हफ्ते के लिए अग्रिम जमानत दे दी है। जस्टिस पीडी नाइक ने अपने आदेश में कहा, राणा अयूब ने अपने लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है। उन्हें चार हफ्ते की अस्थायी अग्रिम जमानत दी जाती है, ताकि वह जहां एफआईआर दर्ज है, वहां के कोर्ट में अपना मामला प्रस्तुत कर सकें।

अगर इस दौरान वह गिरफ्तार की जाती हैं तो वह 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा की जाएंगी। बताया जा रहा है कि जिस वीडियो को लेकर केस दर्ज हुआ है उसमें बुजुर्ग ने दावा किया था कि उसकी पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था।

हालांकि, पुलिस ने इस मामले में सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया है। गाजियाबाद पुलिस ने मामले में ट्वीट को लेकर ट्विटर, कांग्रेस नेताओं, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और इन सभी पर फर्जी वीडियो ट्वीट करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया था।

9 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि पुलिस ने गाजियाबाद में हाल ही में एक मुस्लिम शख्स की पिटाई के मामले में कथित ‘सांप्रदायिक अशांति फैलाने’ के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुजुर्ग की पिटाई के एक वीडियो वायरल होने पर ट्विटर, समाचार पोर्टल और 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

वीडियो में बुजुर्ग मुस्लिम  कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद बता रहा था। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में बताया था कि आरोपी उस ‘ताबीज’ से नाराज थे, जो अब्दुल शमद सैफी (पीड़ित) ने उन्हें बेचा था। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने कुल 9 आरोपियों को पकड़ा है।

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