पैग़ंबर मोहम्मद के बारे में बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं की टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रांची स्थित रिम्स अस्पताल के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि अस्पताल लाए गए घायल लोगों में से दो लोगों की मृत्यु हो गई है.
शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे और कई जगह हिंसा भी हुई.
रांची में भी पत्थरबाज़ी की घटनाएँ हुईं और कई वाहनों को आग लगाने और तोड़-फोड़ के वाक़ये हुए. इस दौरान कई लोगों के घायल होने की ख़बर आई.
घटना को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की और रांची के हिंसा प्रभावित इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका.रांची के डीआईजी अनीश गुप्ता ने एएनआई को बताया कि “थोड़ा तनाव” होने के बावजूद “स्थिति अभी नियंत्रण” में है.
एएनआई ने रांची के ज़िला प्रशासन अधिकारियों के हवाले से ख़बर दी है कि शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू है. अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की जांच की जा रही है जिसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
रांची में इंटरनेट सेवाओं पर लगी पाबंदी रविवार सुबह तक बढ़ा दी गई है. ज़िला प्रशासन ने इससे पहले शुक्रवार शाम 7 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे तक इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दी थीं.
देश के कई शहरों में जुमे की नमाज़ के बाद प्रदर्शन
इससे पहले शुक्रवार को पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए.
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हुए. कई शहरों में पथराव, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ.
दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर बड़ा प्रदर्शन हुआ. पश्चिम बंगाल के हावड़ा, महाराष्ट्र के नवी मुंबई और सोलापुर, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में लोग सड़कों पर आ गए. हैदराबाद की मक्का मस्जिद के बाहर भी प्रदर्शनकारी जुटे, जिसके बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात करने पड़े.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया. वहीं प्रयागराज में प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाज़ी हुई. यहां रैपिड एक्शन फ़ोर्स ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले चलाए. सहारनपुर में भी पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़ गए.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, रात 9.45 बजे तक शुक्रवार को हुई घटनाओं में लिप्त कुल 136 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ यूपी में सुबह तक 227 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने शुक्रवार रात को बताया था कि “तोड़फोड़ करने वाले व्यक्तियों को चिह्नित कर लिया गया है और जो भी सरकारी एवं प्राइवेट संपत्ति की क्षति हुई है उसकी दंगाइयों से वसूली की जाएगी.”
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान से नाराज़गी
शुक्रवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन पिछले महीने बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा की एक विवादित टिप्पणी को लेकर हुए. टीवी चैनल टाइम्स नाउ के एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान नूपुर शर्मा पर पैग़ंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप लगे.
इस मामले को लेकर इस सप्ताह अरब के कई देशों ने सख़्त प्रतिक्रिया करते हुए कड़ा एतराज़ दर्ज किया. कई देशों में वहाँ नियुक्त भारतीय राजदूतों को भी तलब किया गया. इन प्रतिक्रियाओं के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया और बीजेपी की दिल्ली मीडिया सेल के प्रमुख नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया.
लेकिन, इसके बाद भी विरोध के स्वर बंद नहीं हुए हैं और मुस्लिम समुदाय के कई नेता और संगठन नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को गिरफ़्तार किए जाने की मांग कर रहे हैं.
बुधवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो एफ़आईआर दर्ज की. इनमें एक एफ़आईआर नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ थी. दूसरी एफ़आईआर 31 अन्य लोगों के विरुद्ध थी जिनमें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और विवादों में रहने महंत यति नरसिंहानंद के नाम शामिल हैं.दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक ट्वीट कर बताया- “हमने सोशल मीडिया की विवेचना के आधार पर ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर दर्ज की है जिन्होंने सार्वजनिक शांति को भंग किया और लोगों को विभाजनकारी लाइनों पर भड़काया. इनमें एक एफ़आईआर नूपुर शर्मा के बारे में और दूसरी सोशल मीडिया की कई अन्य हस्तियों के बारे में है.”