May 21, 2024 : 10:23 PM
Breaking News
अन्तर्राष्ट्रीय

ब्लैक लाइव्स मैटर का एक साल: पुलिस अफसर ने जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन 8 मिनट तक घुटने से दबाए रखी थी, जॉर्ज के आखिरी शब्द थे- मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं

[ad_1]

Hindi NewsInternationalGeorge Floyd Murder Case Updates | George Floyd Murder Case And Black Lives Matter {BLM} Movement After One Year

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

वॉशिंगटन2 घंटे पहले

कॉपी लिंक

25 मई 2020 की एक शांत दोपहर। अमेरिका में मिनेपोलिस की पुलिस टीम अश्वेतों की बस्ती में पहुंचती है। यहां कुछ लोगों से किसी जॉर्ज फ्लॉयड का पता पूछती है। उसके घर भी जाती है। लेकिन, वो वहां नहीं मिलता। पुलिस लौटती है। तभी उसे सड़क किनारे एक कार के पास जॉर्ज दिख जाता है। उसे घेरकर जमीन पर गिरा दिया जाता है। एक पुलिस अफसर डेरेक चौविन उसकी गर्दन पर अपना घुटना रखता है, फिर दबाता चला जाता है। जॉर्ज की आवाज धीमी होने लगती है। फिर भी वो जोर लगाकर किसी तरह कहता है- मुझे छोड़ दो। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। करीब 8 मिनट बाद वो इस काबिल नहीं बचा कि फिर कभी सांस ले पाए। उसकी मौत हो जाती है।

इस घटना को आज पूरा एक साल हो गया। पुलिस अफसर की नौकरी गई। अब वो जेल में है और ताउम्र वहीं रहेगा, लेकिन क्या जॉर्ज वापस आएगा? नहीं, कभी नहीं। उसकी हत्या ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश की नींव हिला दी। एक बार फिर यह साबित हो गया कि पश्चिमी देशों में रंगभेद और नस्लवाद बदस्तूर जारी है। जॉर्ज की पहली बरसी पर उसके शहर में कुछ रैलियां निकाली गईं। प्रेयर हुईं और पुलिस की करतूत को फिर गलत ठहराया गया।

मिनेसोटा के मिनेपोलिस की यह तस्वीर फिर भावुक करती है। जॉर्ज फ्लॉयड की पत्नी रॉक्सी वॉशिंगटन और 6 साल की बेटी गियाना अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने पहुंचीं थीं। इस दौरान मीडिया कैमरे उन्हें अपनी आंखों में कैद करते रहे। गियाना चुपचाप मां का हाथ थामे इस मंजर को देखती रही।

मिनेसोटा के मिनेपोलिस की यह तस्वीर फिर भावुक करती है। जॉर्ज फ्लॉयड की पत्नी रॉक्सी वॉशिंगटन और 6 साल की बेटी गियाना अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने पहुंचीं थीं। इस दौरान मीडिया कैमरे उन्हें अपनी आंखों में कैद करते रहे। गियाना चुपचाप मां का हाथ थामे इस मंजर को देखती रही।

क्या गुनाह था जॉर्ज काऐसा बिल्कुल नहीं है कि अमेरिका में सिर्फ अश्वेत ही मारे जाते हैं। श्वेत भी मारे जाते हैं, लेकिन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने पिछले साल अपनी एक रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से बताया था- पुलिस के हाथों मारे जाने वाले श्वेतों की तुलना में अश्वेतों की संख्या 3 गुना ज्यादा है।

आखिर जॉर्ज को क्यों मारा गया? उस पर 20 डॉलर की उधारी न चुकाने का आरोप था। पुलिस ने इसे फ्रॉड कैटेगरी में लिस्ट किया और वो किया जिसकी इजाजत दुनिया का कोई संविधान नहीं देता। न कोई गिरफ्तारी और न सुनवाई। बस उसे मार दिया गया।

10 दिन बाद जॉर्ज को अंतिम विदाई दी गई थी। मिनेपोलिस में जॉर्ज के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए थे।

10 दिन बाद जॉर्ज को अंतिम विदाई दी गई थी। मिनेपोलिस में जॉर्ज के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए थे।

जल उठा अमेरिकाहर साल कितने ही अश्वेत पुलिस के हाथों मारे जाते हैं। ज्यादातर का तो जिक्र भी नहीं होता। अफसरों को सजा भी नहीं मिलती। फिर जॉर्ज के मामले में ऐसा क्या हुआ कि अमेरिका एक महीने तक जलता रहा। सेना बुलाने की नौबत आ गई। यह जानना जरूरी है। दरअसल, जॉर्ज के साथ पुलिस ने जो वहशियाना रवैया अपनाया उसका वीडियो एक पुलिस अफसर ने ही बनाया। ये सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद अमेरिका जल उठा। व्हाइट हाउस हो या कैपिटॉल हिल। हर जगह हिंसा हुई। क्या श्वेत और क्या अश्वेत। हर कोई सड़कों पर उतर आया। आंदोलन दुनिया के कई देशों तक फैल गया।

गन कल्चर हिंसा की बड़ी वजहअमेरिका में 1960 के बाद पहली बार पिछली साल नस्लवाद को लेकर इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। ‘द इकोनॉमिस्ट’ के मुताबिक, नागरिकों के पास हथियार होने से पुलिस का काम कठिन हो जाता है। साल 2000 से 2014 के बीच ड्यूटी पर 2445 पुलिस अधिकारी मारे गए। हर साल पुलिस की गोली से लगभग एक हजार व्यक्ति मारे जाते हैं। पुलिस के हाथों मारे जाने वाले लोगों में श्वेतों की तुलना में तीन गुना अधिक अश्वेत अमेरिकी होते हैं।

युवा अश्वेतों की मौत का छठवां प्रमुख कारण पुलिस हिंसा है। अश्वेतों को सजा मिलने की संभावना भी अधिक रहती है। एक ही अपराध के लिए उन्हें श्वेतों के मुकाबले सजा भी ज्यादा मिलती है। जेलों में 33% कैदी अश्वेत हैं। सजायाफ्ता लोगों में वयस्कों की आबादी के 13% अश्वेत शामिल हैं।

सेंट लुईस में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहा एक युवक घुटनों पर बैठ गया था। हर जगह लोगों ने जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए इसी अंदाज का सहारा लिया था।

सेंट लुईस में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहा एक युवक घुटनों पर बैठ गया था। हर जगह लोगों ने जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए इसी अंदाज का सहारा लिया था।

परिवार से समझौताजॉर्ज फ्लॉयड के परिवार और मिनेपोलिस की सिटी काउंसिल के बीच पिछले साल ही समझौता हो गया था। हर्जाने के तौर पर फ्लॉयड के परिवार को 2.7 करोड़ डॉलर (करीब 196 करोड़ रुपए) मिले थे।

पुलिस सुधार के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगीफ्लॉयड की हत्या के विरोध के बाद पुलिस सुधारों की मांग तेज हुई। इस दौरान कहा गया कि पुलिस अफसर जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग करते हैं। कई बार हथियारों का इस्तेमाल बेवजह भी किया जाता है। एक सवाल आरोपी या संदिग्ध को गर्दन से पकड़ने पर भी उठा। इस पर रोक भी लगा दी गई। हालांकि, ट्रम्प ने जिस नए कानून को मंजूरी दी थी। उसमें सिर्फ प्रशासनिक सुधारों की बात थी। पुलिस के बल प्रयोग करने पर कुछ नहीं कहा गया।

अमेरिका में कितने अश्वेतप्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की मार्च 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में अश्वेतों की आबादी 4.68 करोड़ है। साल 2000 में यह 3.62 करोड़ थी। इस वक्त अमेरिका की कुल आबादी करीब 33 करोड़ है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Related posts

कोरोना से 2 साल में करीब 5 लाख मौतें, 4 करोड़ से अधिक केस; आखिर कब खत्म होगी कोविड-19 से भारत की जंग

News Blast

Bihar News: प्रेमी जोड़े को आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो युवक को चाकू से गोदकर मार डाला

News Blast

बंगाल में 86 मौतें, बिजली-पानी की किल्लत; सेना मदद करेगी; ओडिशा में 44 लाख लोग प्रभावित

News Blast

टिप्पणी दें