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Hindi NewsLocalMpIndoreGrocery, Farm Equipment And Fertilizer Shops Will Open Only On Tuesdays And Fridays, There Will Be No Market, Strict Action Will Be Taken If Violation Of Rules
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इंदौर3 मिनट पहले
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पुलिस बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति से रोककर कारण पूछ रही है।
वीकेंड लॉकडाउन के साथ इंदौर 10 मई की सुबह तक लॉक (कोरोना कर्फ्यू) में ही रहेगा। राज्य सरकार ने इसे चौथी बार बढ़ा दिया है। कोरोना संक्रमण को लेकर हुई बैठक के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसी के बाद जिलों ने आदेश निकालना शुरू कर दिया है। इंदौर के साथ 34 जिलों में 30 अप्रैल की सुबह तक पहले से बंद है। अब इन जिलों के कलेक्टर नए सिरे से 7 मई तक कोरोना कर्फ्यू का आदेश निकालेंगे जिसके तुरंत बाद वीकेंड शनिवार-रविवार की पाबंदियां भी लग जाएंगी। यानी 10 मई की सुबह 6 बजे से पहले लॉकडाउन में ढील संभव नहीं दिख रही है। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने यहां भी सख्त कोरोना कर्फ्यू लागू करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि यदि ज्यादा केस मिलें तो उस एरिया को बांस-बल्ली से सील कर दिया जाए।
आदेश के तहत अब महू, सांवेर, देपालपुर, खुड़ैल, हातोद की सभी किराना दुकानें, कृषि उपकरण और खाद-बीज की दुकानें हफ्ते में सिर्फ दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को खुल सकेंगी। इन दो दिनों में किराना दुकानों का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। यह प्रतिबंध इन पंचायतों, कस्बों के साथ इनसे जुड़े सभी गांवों में भी सख्ती से लागू होगा। किसी भी क्षेत्र में फल और सब्जी मंडी नहीं लग सकेगी। सिर्फ चलित ठेलों से इन्हें बेचा जा सकेगा। किसी भी ग्रामीण इलाके में कोरोना के ज्यादा मामले आने पर उसे माइक्रो कंटेनमेंट घोषित करेंगे और वहां बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।
ऐसा है गांव का कर्फ्यू आदेश
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले में नगर निगम सीमा क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र और नगर पंचायत क्षेत्रों में जनता कर्फ्यू में अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।महू, सांवेर, देपालपूर, खुड़ैल, हातोद की सभी किराना दुकानें, कृषि उपकरण दुकानें एवं खाद – बीज और कृषि दवाइयों की दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।इन इलाकों में सप्ताह में केवल दो दिन मंगलवार एवं शुकवार को ही दुकान खोलने की अनुमति होगी। किराना दुकानों का समय सुबह 8 से शाम 4 बजे तक होगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों के साथ – साथ अनुभाग में स्थित नगर पंचायतों में भी लागू रहेगा।महू, सांवेर, देपालपूर, खुड़ैल, हातोद की सब्जी एवं फल मंडी, जहां पर पहले सब्जी एवं फल का विक्रय मंडी लगाकर किया जाता था, उस पर प्रतिबंध रहेगा।अस्थाई सब्जी मंडी (ऐसे स्थान जहां पर एक से अधिक दुकानदार अस्थाई शेड / टपरी / तंबू लगाकर और मार्ग अथवा एक स्थान पर बैठकर सब्जी का विक्रय प्रतिबंधित है।सब्जी केवल चलित वाहन, ठेले आदि से घर – घर जाकर किया जा सकेगा। एक स्थान पर खड़े होकर सब्जी का विक्रय पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।आदेश का पालन कराने का जिम्मा ग्राम सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, पुलिस, पटवारी एवं कोटवार का होगा। आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई करने के साथ ही केस भी दर्ज होगा।ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में माइक्राे कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएं।जहां कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़े, उसे कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर उस क्षेत्र के सभी रास्ते बांस एवं बल्ली आदि से बंद कर प्रवेश का एक ही द्वार रखा जाए।कंटेनमेंट क्षेत्र में आंगनवाडी कार्यकर्ता / आशा कार्यकर्ता शत – प्रतिशत स्क्रीनिंग करें। साथ ही यहां संभावित कोविड मरीजों को दवाई किट, सैनेटाइजेशन आदि का पालन हो।
प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर पंचायत में आइसोलेशन केन्द्र/कोविड केयर सेंटर में रहेगी ऐसा व्यवस्था
ग्राम पंचायतों में मौजूद 15वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग उसे स्थापित करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अधिकृत किया जाता है।प्रत्येक केन्द्र में मेडिकल किट की व्यवस्था क्षेत्रीय बीएमओ एवं उनके अधीनस्थ डाक्टरों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए क्षेत्रीय एसडीएम, बीएमओ को आवश्यक निर्देश देंगे।प्रत्येक केन्द्र में बिस्तर की व्यवस्था, लांड्री की व्यवस्था, क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों के जरिए सुबह की चाय, नाश्ता, भोजन, शाम की चाय, नाश्ता और रात के भोजन की अच्छी व्यवस्था करें।रात में मच्छर ना रहे इसके लिए ऑल आउट या अन्य स्थानीय व्यवस्था की जाए।दिन में दो बार केन्द्र की सफाई, टॉयलेट की दो बार सफाई की व्यवस्था हो।दिन में गर्मी को कम करने के लिए स्थानीय उपलब्धता अनुसार कूलर प्राप्त हो सके तो किराए पर लेकर उसे लगाएं।प्रतिदिन एएनएम अथवा क्षेत्रीय पीएससी का डाॅक्टर इन केन्द्रों में जाकर संभावित मरीज एवं कोविड पॉजिटिव मरीजों की जांच करे।संभावित कोविड मरीजों एवं कोविड मरीजों की व्यवस्था केन्द्र में अलग – अलग की जाए।छोटी पंचायतों के केन्द्रों में 20 पलंग तथा बड़ी पंचायतों में 30 पलंग की व्यवस्था की जाए।संभावित मरीज एवं कोविड पॉजीटिव मरीज के बिस्तरों की संख्या आधी – आधी की जाए।संबंधित ग्राम पंचायत में निवासरत व्यक्तियों में जिसमें भी कोविड लक्षण दिखे, उन्हें तत्काल आइसोलेशन केन्द्रों में शिफ्ट कर परिवार से अलग किया जाए।आइसोलेशन केन्द्र / कोविड केयर सेंटर में कोरोना वालंटियर्स से आवश्यक सहयोग लिया जाए।क्षेत्रों में जन अभियान पषिद के कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं, जिनका सहयोग मरीजों को चिन्हित करने या उन्हें जागरूक करने में लिया जा सकता है।प्रत्येक गावं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता / आशा भी हैं, उनका सहयोग भी कोरोना वालंटियर्स के रूप में लिया जाए।बड़ी नगर पंचायतों में न्यूनतम 100 बिस्तरों का और छोटी नगर पंचायतों में न्यूनतम 50 बिस्तरों का केन्द्र रहेगा।राऊ में एक केन्द्र एसडीएम द्वारा तैयार करवाया जाएगा। नगर पंचायतों में इन केन्द्रों की व्यवस्था की जिम्मेदारी परियोजना अधिकारी की रहेगी। वहीं, क्षेत्रीय सीएमओ व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे।खबरें और भी हैं…
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