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फैसला: विदेशों से आयात होगी ऑक्सीजन, कमी पूरी करने के लिए पीएम केयर्स फंड से अस्पतालों में लगेंगे प्लांट

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Fri, 16 Apr 2021 10:57 AM IST

सार
पीएम केयर्स फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। गुरुवार को ईम्पावर्ड ग्रुप 2 की हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया। 

ऑक्सीजन सिलेंडर (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

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भारत में कोरोना मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी भारी कमी है। वहीं कई जरूरी उपकरणों का भी अभाव है। इसी के मद्देनजर पीएम केयर्स फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक सरकार से अधिकार प्राप्त समूह इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने पीएम केयर फंड के जरिए 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने और  50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का आयात करने का फैसला लिया है। बता दें कि ऑक्सीजन मांग वाले 12 राज्यों की ट्रेसिंग और मैपिंग की गई है। गुरुवार को ईम्पावर्ड ग्रुप 2 की हुई बैठक में  बताया गया कि 12 राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल) में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग है।

इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने अस्पतालों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के आयात करने पर मुहर लगाई है। इस ऑक्सीजन आयात के लिए जल्द ही टेंडर जारी की जाएगी। पीएम केयर फंस से ऑक्सीजन का आयात किया जाएगा। बता दें कि ग्रुप 2 मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। 

पीएसए प्लांट के लिए अस्पतालों की पहचान जरूरीबता दें कि प्रेशर स्विंग एडसोरप्शन (पीएसए ) प्लांट ऑक्सीजन निर्माण करते हैं और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अस्पतालों को अपनी आवश्यकता के लिए आत्मनिर्भर बनने में योगदान करते हैं। स्वीकृत 162 पीएसए प्लांटों को अस्पतालों में ऑक्सीजन निर्माण बढ़ाने के लिए बारीकी से समीक्षा की जा रही है। ईम्पावर्ड ग्रुप 2  गृह मंत्रालय से पीएसए प्लांट के लिए 100 अस्पतालों की पहचान करने की गुजारिश की है। 

12 राज्यों में सबसे ज्यादा मांगबैठक में राज्यों की जरूरतों के हिसाब से मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोत और उनकी उत्पादन क्षमता की ब्लू प्रिंट तैयार की गई है। साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोतों पर राज्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक सांकेतिक ढांचा विकसित किया गया है।  20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को उनकी अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को 4880 मीट्रिक टन, 5619 मीट्रिक टन और 6593 मीट्रिक टन की आपूर्ति करने का फैसला लिया गया है। 

विस्तार

भारत में कोरोना मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी भारी कमी है। वहीं कई जरूरी उपकरणों का भी अभाव है। इसी के मद्देनजर पीएम केयर्स फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक सरकार से अधिकार प्राप्त समूह इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने पीएम केयर फंड के जरिए 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने और  50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का आयात करने का फैसला लिया है। बता दें कि ऑक्सीजन मांग वाले 12 राज्यों की ट्रेसिंग और मैपिंग की गई है। गुरुवार को ईम्पावर्ड ग्रुप 2 की हुई बैठक में  बताया गया कि 12 राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल) में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग है।

इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने अस्पतालों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के आयात करने पर मुहर लगाई है। इस ऑक्सीजन आयात के लिए जल्द ही टेंडर जारी की जाएगी। पीएम केयर फंस से ऑक्सीजन का आयात किया जाएगा। बता दें कि ग्रुप 2 मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। 

पीएसए प्लांट के लिए अस्पतालों की पहचान जरूरी
बता दें कि प्रेशर स्विंग एडसोरप्शन (पीएसए ) प्लांट ऑक्सीजन निर्माण करते हैं और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अस्पतालों को अपनी आवश्यकता के लिए आत्मनिर्भर बनने में योगदान करते हैं। स्वीकृत 162 पीएसए प्लांटों को अस्पतालों में ऑक्सीजन निर्माण बढ़ाने के लिए बारीकी से समीक्षा की जा रही है। ईम्पावर्ड ग्रुप 2  गृह मंत्रालय से पीएसए प्लांट के लिए 100 अस्पतालों की पहचान करने की गुजारिश की है। 

12 राज्यों में सबसे ज्यादा मांग
बैठक में राज्यों की जरूरतों के हिसाब से मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोत और उनकी उत्पादन क्षमता की ब्लू प्रिंट तैयार की गई है। साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोतों पर राज्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक सांकेतिक ढांचा विकसित किया गया है।  20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को उनकी अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को 4880 मीट्रिक टन, 5619 मीट्रिक टन और 6593 मीट्रिक टन की आपूर्ति करने का फैसला लिया गया है। 

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