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ग्वालियर12 घंटे पहले
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तेज रफ्तार बस ने ऑटो में इतनी तेज टक्कर मारी थी। वह इस तरह चकनाचूर हो गई। इसमें 13 लोगों की मौत हुई थी।
- बस चालक को कोर्ट में पेश किया, वहां से न्यायिक हिरासत (जेल) भेज दिया गया
- उसी स्पॉट से लोगों से ठसाठस भरी ऑटो निकल रही थी, पुलिस ने पकड़ी
पुरानी छावनी के मुरैना रोड पर 13 लोगों के साथ उनके परिवारों के सपने और भविष्य को कुचलने वाले बस चालक का कहना है, उसकी तो कोई गलती ही नहीं थी। बाइक को बचाने में ऑटो और ऑटो को बचाने में दूसरी तरफ स्टीयरिंग काट दी, लेकिन महिलाओं से ठसाठस भरी ऑटो का चालक गाड़ी को नहीं मोड़ सका। इसके बाद हादसा हो गया। बुधवार को बस चालक को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी। इसी रोड पर बुधवार दोपहर सवारियों से भरी फिर एक ऑटो पकड़ी है। उसमें 8 लोग सवार थे। गौरतलब है कि इसी रोड पर एक साल में 23 लोग जान गंवा चुके हैं।
मंगलवार सुबह ग्वालियर से तेज रफ्तार बस नंबर MP07P-6882 के चालक ने पुरानी छावनी की ओर से आ रहे ऑटो मेें टक्कर मार दी थी। घटना के समय बस की स्पीड करीब 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की थी। टक्कर के बाद बस, ऑटो को करीब 20 मीटर तक घसीटते ले गई थी। हादसे में 12 महिलाओं समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। 12 मृत महिलाएं गोला का मंदिर के शिव कॉलोनी, पिंटो पार्क व जड़ेरूआ इलाके की थीं। वे आंगनबाड़ी में खाना बनाने जाती थीं।
13वीं मौत ऑटो चालक धर्मेन्द्र की हुई थी। हादसे की जड़ बस चालक सुखदेव सिंह निवासी शब्द प्रताप आश्रम को पुलिस ने मंगलवार को ही पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने खुद का बचाव करते हुए कहा कि उसकी गलती ही नहीं थी। वो तो बाइक सवार को बचाने के चक्कर में ऑटो के सामने आ गया। जब ऑटो को देखा, तो उसे बचाने के लिए दूसरी तरफ गाड़ी की स्टीयरिंग मोड़ दी, लेकिन ऑटो में महिलाएं ठसाठस भरी थीं। चालक के दोनों तरफ दो-दो महिलाएं होने के कारण वह ऑटो का हैंडल तक नहीं मोड़ पाया, जिस कारण हादसा हो गया।
दोनों ओर से टूटे नियम
पुलिस की अभी तक की जांच में दोनों ओर से नियम टूटने की बात सामने आई है। बस में कितनी सवारी थीं, यह तो पुलिस को नहीं पता है, लेकिन जिस जगह बस की स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटे होनी थी, वहां चालक सुखदेव सिंह 80 किमी प्रतिघंटे से बस दौड़ा रहा था। दूसरी तरह से आ रहे ऑटो में चालक समेत 4 सवारी होनी चाहिए थी, उसमें 13 यात्री सवार थे। दोनों तरफ से नियमों की अनदेखी हादसे का कारण बनी। साथ ही, सड़क पर जिम्मेदार भी गैर हाजिर थे, तो इन नियम तोड़ते वाहनों को समझा सकें।
इसी रोड पर एक साल में 23 जानें गईँ
पुरानी छावनी की मुरैना रोड ट्रैफिक पुलिस के ब्लैक स्पॉट में भी शामिल है। यहां बीते एक साल में 23 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 15 मौतें तो सिर्फ 7 दिन में ही हो चुकी हैं। यहां हादसों का कारण वाहनों की स्पीड है। दूसरा कारण पुलिस और परिहवन अमला की लापरवाही है। जिन्हें सड़क पर दौड़ते ओवरलोड वाहन नहीं दिखते हैं, लेकिन रेत से भरे वाहन के पीछे वह दौड़ लगा देते हैं।